Auto: हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पंप मिलेगी बैटरी स्वैपिंग की सुविधा

Auto - हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पंप मिलेगी बैटरी स्वैपिंग की सुविधा
| Updated on: 29-Dec-2020 06:23 PM IST
हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने अपने कुछ चुनिंदा पेट्रोल पंप पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने की घोषणा की है। इसके लिए कंपनी ने वोल्टअप बैटरी स्वैपिंग सोल्यूशन्स से साथ साझेदारी की है। वोल्टअप दो पहिया और तीनपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैप करने की सुविधा प्रदान करती है। इस साझेदारी के तहत जयपुर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के दो पेट्रोल स्टेशन पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का संचालन किया जाएगा।

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में सबसे बड़ी बाधा उनकी लंबी चार्जिंग टाइम है। आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन पूरा चार्ज होने में 1 घंटे या उससे अधिक का समय लेते हैं। एक आम वाहन चालक के सामने इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में यह सबसे बड़ी रुकावट बनकर सामने आती है, इसलिए लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से कतराते भी

इस समस्या का समाधान बैटरी स्वैपिंग तकनीक है। मॉडर्न इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी को निकाल कर चार्ज करने या बदल कर दूसरी बैटरी इस्तेमाल करने की सुविधा दी जा रही है। इससे बैटरी को चार्ज करने की समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए कई इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां मेट्रो शहरों में अपने वाहन के लिए स्वैपिंग स्टेशनों का निर्माण कर रही हैं।

बता दें कि इससे पहले इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने सन मोबिलिटी के साथ बैटरी स्वैपिंग स्टशनोंके निर्माण के लिए हाथ मिलाया है। बड़े स्तर पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के खुलने से इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की समस्या से बचा जा सकता है और इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी बढ़ेगी। मौजूदा समय में देश के कई शहरों में चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी प्रत्येक पेट्रोल पंप पर एक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण की बात कही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के सभी 69,000 पेट्रोल पंप पर एक चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की योजना तैयार की है। इसके अलावा सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत जीएसटी को भी मंजूरी दी है।

इस योजना के तहत सरकारी और गैर सरकारी पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, जिसमे पहले महानगरों को शामिल किया जाएगा।

देश में चल रहे विभिन्न तेल कंपनियों के फ्रेंचाइजी को भी कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन बनाने का निर्देश दिया जा सकता है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में देरी का मुख्य कारण देश में पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे चार्ज करने की होती है।

अगर सफर के दौरान चार्ज खत्म हो जाता है और आस-पास चार्जिंग स्टेशन नहीं है, तो ऐसे में चालक को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। अगर प्रत्येक पेट्रोल पंप पर एक चर्जिंग स्टेशन खोल दिया जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में काफी सुविधा होगी।

अब नए पेट्रोल पंप के निर्माण के साथ एक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाना अनिवार्य होगा। हालांकि, बड़े स्तर पर बदलाव तभी आएगा जब पहले से चल रहे पेट्रोल पंपों पर भी चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कर लिया जाए।

अनुमान के मुताबिक, देश में करीब 69,000 पेट्रोल पंप हैं। सभी पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग की सुविधा इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे सकती हैं। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से हतोत्साहित करती हैं।

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