Indian Air Force: भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट, HAL के साथ हुआ करार

Indian Air Force - भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट, HAL के साथ हुआ करार
| Updated on: 25-Sep-2025 05:44 PM IST

Indian Air Force: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (MoD) ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A विमानों की खरीद की जाएगी। इस करार की कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) है, जिसमें 68 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान, 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान, और संबंधित उपकरण व सपोर्ट सिस्टम शामिल हैं।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह समझौता ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। HAL द्वारा निर्मित तेजस Mk1A, एक अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जो न केवल भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि रक्षा उत्पादन में भारत को वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा मिलेगा और रक्षा क्षेत्र में भारत की निर्भरता विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर कम होगी।

भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा

तेजस Mk1A के बेड़े में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को आधुनिक, तेज, और भरोसेमंद लड़ाकू विमान उपलब्ध होंगे। यह विमान वायुसेना की स्क्वाड्रन ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर तब जब पुराने MiG-21 विमानों को चरणबद्ध रूप से हटाया जा रहा है। तेजस Mk1A की उन्नत तकनीक और प्रदर्शन क्षमता वायुसेना को युद्धक परिदृश्यों में बढ़त प्रदान करेगी।

रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन

इस करार से न केवल वायुसेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग और इसकी आपूर्ति शृंखला को भी मजबूती मिलेगी। HAL के साथ-साथ इस परियोजना से जुड़ी अन्य भारतीय कंपनियों को तकनीकी और आर्थिक लाभ होगा। यह समझौता छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी प्रोत्साहित करेगा, जो रक्षा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

तेजस Mk1A की उन्नत विशेषताएं

तेजस Mk1A स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित लड़ाकू विमान का सबसे उन्नत संस्करण है। यह विमान निम्नलिखित अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस होगा:

  • इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार: लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैकिंग में उच्च सटीकता।

  • स्वयं रक्षा कवच: शत्रु के हमलों से सुरक्षा के लिए उन्नत प्रणालियां।

  • कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स: बेहतर नियंत्रण और गतिशीलता। इन स्वदेशी तकनीकों का एकीकरण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है। यह विमान भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच प्रदान करेगा।

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