Arvind Kejriwal News: RSS प्रमुख मोहन भागवत को अरविंद केजरीवाल ने लिखी चिट्ठी, भाजपा को लेकर पूछे ये सवाल

Arvind Kejriwal News - RSS प्रमुख मोहन भागवत को अरविंद केजरीवाल ने लिखी चिट्ठी, भाजपा को लेकर पूछे ये सवाल
| Updated on: 01-Jan-2025 10:41 AM IST
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके नेताओं के कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस पत्र के माध्यम से केजरीवाल ने भाजपा द्वारा उठाए गए कुछ कदमों पर आरएसएस की स्थिति जानने की कोशिश की है।

केजरीवाल ने चिट्ठी में पहले सवाल किया कि भाजपा द्वारा किए गए जो गलत कार्य हैं, क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनका समर्थन करता है? यह सवाल विशेष रूप से भाजपा के नेताओं द्वारा कथित रूप से खुलेआम पैसे बांटने और वोटों को खरीदने से जुड़ा हुआ है। केजरीवाल ने साफ शब्दों में पूछा कि क्या आरएसएस इस प्रकार की प्रथाओं का समर्थन करता है, और क्या इसे लोकतंत्र के लिए सही मानता है?

इसके बाद, अरविंद केजरीवाल ने दूसरा सवाल उठाया जो भारतीय राजनीति में दलितों और पूर्वांचलियों के वोटों की कटौती से संबंधित है। उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि क्या आरएसएस को नहीं लगता कि भाजपा इस प्रकार के कदमों से जनतंत्र को कमजोर कर रही है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या भाजपा द्वारा इन वोटों की कटौती से लोकतंत्र को कोई खतरा उत्पन्न हो सकता है।

केजरीवाल ने अपने पत्र के माध्यम से यह भी पूछा कि भाजपा के इन कृत्यों को रोकने के लिए आरएसएस क्या कदम उठाने जा रहा है? उन्होंने यह भी चैलेंज किया कि क्या आरएसएस को लगता है कि इस प्रकार के कृत्य देश के लिए खतरनाक नहीं हो सकते, और क्या संघ इन मुद्दों पर कुछ ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है।

केजरीवाल की यह चिट्ठी राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि उन्होंने सीधे मोहन भागवत और आरएसएस से सवाल किए हैं, जो आमतौर पर भारतीय राजनीति में गहरे प्रभाव रखते हैं। यह पत्र भारतीय लोकतंत्र, चुनाव प्रक्रिया, और वोट बैंक राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाता है, जिनका उत्तर न केवल आरएसएस, बल्कि समग्र राजनीतिक तंत्र को देना होगा।

यह चिट्ठी भाजपा और आरएसएस के लिए एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत होती है, जिसमें उन्हें अपने आदर्शों और कार्यों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। अरविंद केजरीवाल ने यह सुनिश्चित किया कि यह पत्र केवल व्यक्तिगत आरोपों से नहीं भरा है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की दिशा में उठाए गए सवालों का उचित दायरा प्रस्तुत करता है।

अब यह देखना होगा कि मोहन भागवत और आरएसएस इस पत्र का किस प्रकार जवाब देते हैं और क्या वे भाजपा के इन सवालों के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।