E-Cigarette Row: लोकसभा में ई-सिगरेट विवाद: अनुराग ठाकुर ने टीएमसी सांसद पर लगाया आरोप, स्पीकर ने कहा- होगी कार्रवाई

E-Cigarette Row - लोकसभा में ई-सिगरेट विवाद: अनुराग ठाकुर ने टीएमसी सांसद पर लगाया आरोप, स्पीकर ने कहा- होगी कार्रवाई
| Updated on: 11-Dec-2025 12:39 PM IST
संसद का शीतकालीन सत्र इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है, जहां देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में, आज गुरुवार को लोकसभा में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन के भीतर एक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद पर ई-सिगरेट पीने का गंभीर आरोप लगाया और इस आरोप ने सदन में एक नई बहस छेड़ दी, जिसने संसदीय मर्यादा और सदस्यों के आचरण पर सवाल खड़े कर दिए।

ई-सिगरेट के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में किसी भी सांसद का नाम लिए बिना, यह दावा किया कि एक टीएमसी सांसद सदन के अंदर ई-सिगरेट का सेवन कर रहे थे। यह आरोप अपने आप में बेहद गंभीर है, क्योंकि संसद भवन को देश की सर्वोच्च विधायी संस्था माना जाता है, जहां सदस्यों से उच्चतम स्तर के आचरण और मर्यादा की अपेक्षा की जाती है। ई-सिगरेट का उपयोग, विशेष रूप से सार्वजनिक और प्रतिबंधित स्थानों पर, स्वास्थ्य और नियमों दोनों का उल्लंघन माना जाता है। ठाकुर के इस आरोप ने तत्काल सदन का ध्यान खींचा और इस मुद्दे पर तत्काल प्रतिक्रिया की मांग की।

टीएमसी की ओर से डोला सेन का पलटवार

अनुराग ठाकुर द्वारा लगाए गए इस आरोप पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तुरंत संज्ञान लिया और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। स्पीकर बिरला ने स्पष्ट किया कि संसद में किसी भी सांसद को ई-सिगरेट पीने की कोई परंपरा या नियम नहीं है, जो इसकी अनुमति देता हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में आता। है, तो उस पर निश्चित रूप से उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्पीकर का यह बयान संसदीय नियमों और मर्यादाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और यह संदेश देता है कि सदन के भीतर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह संसदीय गरिमा बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

बीजेपी सांसद के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। डोला सेन ने अनुराग ठाकुर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 'जिनका काम नजर रखना है वो देखेंगे और ' उन्होंने आगे कहा कि संसद में किसी भी अनुशासनहीनता के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं। डोला सेन ने यह भी कहा कि 'अनुराग ठाकुर कोई गुरु नहीं हैं कि उनकी बात हम मान जाएं। ' यह बयान इस बात को दर्शाता है कि टीएमसी इस आरोप को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रही। है और इसे गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है, बल्कि इसे एक राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा मान रही है।

संसदीय आचरण और मर्यादा पर बहस

यह घटना संसद के भीतर सदस्यों के आचरण और मर्यादा के संबंध में एक व्यापक बहस को जन्म देती है। संसद न केवल कानून बनाने का स्थान है, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक भी है और ऐसे में, सदस्यों द्वारा किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या नियमों का उल्लंघन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा सकता है। ई-सिगरेट का मुद्दा, हालांकि छोटा लग सकता है, लेकिन यह संसदीय परिसर में नियमों के पालन और सदस्यों के व्यक्तिगत आचरण की बड़ी तस्वीर का हिस्सा है और इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दल अक्सर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के लिए ऐसे मुद्दों का इस्तेमाल करते हैं।

राहुल गांधी ने अमित शाह के भाषण पर साधा निशाना

इसी दिन, संसद परिसर में एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कल के संसद में दिए गए भाषण पर तीखी टिप्पणी की। राहुल गांधी ने कहा कि 'अमित शाह कल घबराए हुए थे, उन्होंने गलत भाषा का इस्तेमाल किया। ' उन्होंने आगे कहा कि भाषण के दौरान 'उनके हाथ कांप रहे थे,' जिससे यह प्रतीत होता है कि वे 'मानसिक दबाव में' थे। राहुल गांधी की यह टिप्पणी संसद के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान और व्यक्तिगत हमलों को उजागर करती है।

चुनौती और जवाब की कमी

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि अमित शाह ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई बात नहीं की और न ही कोई सबूत पेश किया। उन्होंने कहा, 'मैंने कल उन्हें चुनौती दी कि आ जाइए सदन में मेरे प्रेस कॉन्फेंस पर चर्चा करते हैं पर कोई जवाब नहीं मिला और ' यह बयान कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही वैचारिक और राजनीतिक लड़ाई को दर्शाता है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला करने और अपने बयानों को सही ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। संसद सत्र के दौरान इस तरह की बयानबाजी आम है, लेकिन यह देश की राजनीति में बढ़ते ध्रुवीकरण को भी दर्शाती है। कुल मिलाकर, गुरुवार का दिन संसद में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा, जिसमें ई-सिगरेट के उपयोग का आरोप और गृह मंत्री के भाषण पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया शामिल है। ये घटनाएं न केवल संसदीय कार्यवाही की गतिशीलता को दर्शाती हैं, बल्कि देश की राजनीतिक परिदृश्य में चल रहे गहरे मतभेदों और प्रतिस्पर्धी बयानबाजी को भी उजागर करती हैं।

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