Lok Sabha Elections: 31 मार्च को विपक्षी दल की केजरीवाल के गिरफ्तारी के विरोध में महारैली, जुटेंगे 12 दलों के बड़े नेता

Lok Sabha Elections - 31 मार्च को विपक्षी दल की केजरीवाल के गिरफ्तारी के विरोध में महारैली, जुटेंगे 12 दलों के बड़े नेता
| Updated on: 29-Mar-2024 10:00 PM IST
Lok Sabha Elections: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सियासी घमासान मचा हुआ है. गिरफ्तारी को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया है और इस कार्रवाई को जांच एजेंसी का दुरुपयोग बताया है. वहीं अब आम आदमी पार्टी के आह्वान पर विपक्षी दलों के नेता 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली करने जा रहे हैं. इस महारैली में विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने आने की स्वीकृति दे दी है.

जानकारी के मुताबिक 31 मार्च को रामलीला मैदान में बुलाई गई महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला तक शिरकत करने वाले हैं. महारैली इंडिया अलायंस के बैनर तले होगी. और इसका स्लोगन होगा- तानाशाही हटाओ लोकतंत्र बचाओ.

इस महारैली में आने वाले नेताओं की पूरी लिस्ट इस प्रकार हैं.

  • 1. मल्लिकार्जुन खरगे
  • 2. राहुल गांधी
  • 3. शरद पवार
  • 4. उद्धव ठाकरे
  • 5. अखिलेश यादव
  • 6. तेजस्वी यादव
  • 7. डेरेक
  • 8. फारुख अब्दुल्ला
  • 9. चंपई सोरेन
  • 10. कल्पना सोरेन
  • 11. सीताराम येचुरी
  • 12. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान
जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के आह्वान पर बुलाई गई रैली में इन नेताओं के अलावा पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से भी बातचीत चल रही है. लिहाजा अनुमान है कि महबूबा भी इस रैली में आ सकती हैं. उधर रामलीला मैदान में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी को 20 हजार लोगों के साथ सभा करने की अनुमति दे दी है.

सुनीता केजरीवाल ने जारी किया वीडियो मैसेज

उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने वीडियो जारी करके दिल्ली और देश की जनता से भावुक अपील की है. सुनीता केजरीवाल ने सीएम को संदेश भेजने के अभियान की शुरुआत की और दो ह्वाट्सएप नंबर जारी किये. उन्होंने कहा कि लोग इन नंबरों पर अपने संदेश भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का भारी समर्थन और प्यार मिल रहा है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने देश की सबसे भ्रष्टाचारी सरकार और तानाशाही को ललकारा है. उन्होंने कोर्ट में जिस तरीके से अपनी बात रखी, वह साहस की बात है.

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