Electronic Voting Machine: EVM की महा विकास अघाड़ी ने निकाली शव यात्रा, की नारेबाजी; लगाए गंभीर आरोप

Electronic Voting Machine - EVM की महा विकास अघाड़ी ने निकाली शव यात्रा, की नारेबाजी; लगाए गंभीर आरोप
| Updated on: 09-Dec-2024 10:33 PM IST
Electronic Voting Machine: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महा विकास अघाड़ी ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। धुले जिले में शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकालते हुए मशाल जुलूस का आयोजन किया। इस दौरान ईवीएम हटाओ, देश बचाओ और लोकतंत्र बचाओ जैसे नारे गूंजे।

ईवीएम की प्रतीकात्मक शव यात्रा और मशाल जुलूस

प्रदर्शन का आगाज धुले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ। इसके बाद मशालों के साथ एक लंबा मार्च निकाला गया, जो गांधी प्रतिमा चौक तक गया। जुलूस में शामिल सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ईवीएम के खिलाफ आक्रोश जताते हुए चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक अनिल गोटे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने ईवीएम के माध्यम से चुनावों में छेड़छाड़ कर जीत हासिल की। उन्होंने कहा, "ईवीएम के कारण जनता में भ्रम और असंतोष बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।"

चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप

पूर्व विधायक गोटे ने चुनाव परिणामों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी कर महायुति ने भारी बहुमत हासिल किया। उनका कहना था कि चुनाव आयोग को पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम के बजाय पारंपरिक बैलेट पेपर का उपयोग करना चाहिए।

महा विकास अघाड़ी की भूमिका

महा विकास अघाड़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रदर्शन के दौरान ईवीएम हटाओ, लोकतंत्र बचाओ जैसे नारों के साथ भाजपा और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। महा विकास अघाड़ी ने आरोप लगाया कि चुनावों में ईवीएम के माध्यम से भाजपा ने सत्ता पर कब्जा जमाया।

चुनावी नतीजों पर असहमति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी को हार का सामना करना पड़ा, जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। इसके बाद महायुति की सरकार का गठन हुआ। शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दल इस परिणाम को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और ईवीएम को इसका मुख्य कारण बता रहे हैं।

ईवीएम विरोध: लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान

शिवसेना (यूबीटी) ने ईवीएम को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए इसे हटाने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि "जब तक ईवीएम का उपयोग जारी रहेगा, चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी नहीं हो सकती। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है।"

निष्कर्ष

ईवीएम के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) और महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन यह दिखाता है कि विपक्षी दल चुनाव प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता की मांग को लेकर गंभीर हैं। यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि देश भर में चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर बहस छेड़ सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया क्या होती है।

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