West Bengal Elections: बीजेपी पर ममता का बड़ा आरोप: 'पैसों के दम पर मुसलमानों को बांट रही, देश से खत्म करके ही दम लूंगी'

West Bengal Elections - बीजेपी पर ममता का बड़ा आरोप: 'पैसों के दम पर मुसलमानों को बांट रही, देश से खत्म करके ही दम लूंगी'
| Updated on: 22-Dec-2025 05:49 PM IST
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य। में मुस्लिम वोटों को बांटने और वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस पूरी साजिश में चुनाव आयोग भी शामिल है, और बीजेपी पैसों के दम पर यह सब कर रही है। ममता बनर्जी ने एक कड़ा बयान देते हुए कहा कि वह बीजेपी को देश से खत्म करके ही दम लेंगी।

मुस्लिम वोटों को बांटने का आरोप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पार्टी। पैसों का इस्तेमाल करके बंगाल में मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस विभाजनकारी रणनीति के दम पर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। ममता ने दृढ़ता से कहा कि वह उस दिन इस साजिश को रोक देंगी, जब बीजेपी को देश से पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि अगर वह बंगाल जीतती हैं, तो वह बीजेपी से दिल्ली छीन लेंगी, जो उनके राष्ट्रीय राजनीतिक इरादों को दर्शाता है। यह आरोप ऐसे समय में आया है जब राज्य में अगले साल महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने हैं, और मुस्लिम वोट बैंक बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वोटर लिस्ट में हेरफेर और चुनाव आयोग की भूमिका

ममता बनर्जी ने वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हेरफेर का आरोप लगाते हुए कहा कि 58 लाख नाम हटाने के बाद भी बीजेपी 1. 5 करोड़ नाम डिलीट करना चाहती है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को 2026 में बीजेपी को जिताने की साजिश बताया और मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए, जिसमें कहा गया कि आयोग हर दो दिन में निर्देश बदल रहा है, जिससे मतदाताओं में भ्रम और परेशानी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कई वोटर रोज परेशान हो रहे हैं और ऐप में भी गड़बड़ी है, जिससे मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया और भी जटिल हो गई है।

SIR विवाद और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन

मुख्यमंत्री ने स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) और ऐप के लिए कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) न होने पर सवाल उठाया, इसे असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि यह सब तानाशाही का हिस्सा है, जिसके तहत बीजेपी लोगों का वोट देने का अधिकार छीनना चाहती है। ममता ने 2002 में बंगाल में डिलीवरी इंस्टीट्यूशन की संख्या और 43 साल पहले बर्थ सर्टिफिकेट की उपलब्धता पर भी सवाल उठाया, यह इंगित करते हुए कि चुनाव आयोग का जमीन पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने यह भी पूछा कि गुजरात से केंद्र सरकार के कर्मचारी बंगाल में वोट करवाने क्यों आएंगे, और क्या यह लोकतंत्र है। उन्होंने उन लोगों पर भी सवाल उठाया जो महात्मा का नाम। हटाते हैं, और देश के प्रति उनके प्यार पर संदेह व्यक्त किया।

गैर-बंगाली मतदाताओं का मुद्दा

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट में गैर-बंगाली लोगों को शामिल करने के अनुपात पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने 1:10 के अनुपात में गैर-बंगाली लोगों को शामिल किया है,। जिसका अर्थ है कि एक बंगाली के मुकाबले 10 गैर-बंगाली मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपने मतदाताओं को पहचानने और उनकी पहचान जानने का आग्रह किया। यह आरोप राज्य की जनसांख्यिकी और चुनावी परिणामों पर संभावित प्रभाव को लेकर गहरी चिंता पैदा करता है।

BLA2 को ममता के निर्देश

इन गंभीर आरोपों के बीच, ममता बनर्जी ने बूथ लेवल एजेंट 2 (BLA2) को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने BLA2 को हर ब्लॉक और दूसरे इलाकों के अंदरूनी हिस्सों में जाकर यह देखने का आदेश दिया है कि किसका नाम हटाया गया है। उन्हें छह लोगों की टीम बनाने और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जिनके पास मांगे गए 11 डॉक्यूमेंट्स का कोई सबूत नहीं है, उन्हें परमानेंट रेजिडेंशियल सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा। उन्होंने BLA1 और BLA2 से उनसे संपर्क करने और यह सुनिश्चित करने। का आग्रह किया कि सुनवाई के दौरान वोटर्स को परेशान न किया जाए।

बीजेपी को देश से खत्म करने का संकल्प

ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बीजेपी को बंगाल में कदम न रखने देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नेता शायद ऐसा न कर पाएं, लेकिन कार्यकर्ता और समर्थक ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने इस लड़ाई को 'अस्तित्व की लड़ाई' करार दिया और कहा कि अगर लोग। जीना चाहते हैं, तो बीजेपी को हमेशा के लिए बंगाल से हटा देना चाहिए। यह बयान आगामी चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस की आक्रामक। रणनीति और बीजेपी के खिलाफ उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

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