CM Mohan Yadav: MP सरकार का लाडली बहना योजना से बढ़ा भार, CM ने खुद बताई ये बात

CM Mohan Yadav - MP सरकार का लाडली बहना योजना से बढ़ा भार, CM ने खुद बताई ये बात
| Updated on: 12-Dec-2024 07:40 PM IST
CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना महिला सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी पहल के रूप में उभरी है। इस योजना ने न केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की है, बल्कि बीजेपी की चुनावी जीत में भी अहम भूमिका निभाई। हालांकि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में स्वीकार किया है कि इस योजना से राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ा है।

19,212 करोड़ रुपये का वितरण

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि लाडली बहना योजना के तहत अब तक 1.29 करोड़ महिलाओं को 19,212 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 26 लाख महिलाओं को 450 रुपये प्रति गैस रिफिलिंग की सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह योजना न केवल महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने का प्रयास कर रही है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

वित्तीय दबाव और समाधान

डॉ. यादव ने यह स्पष्ट किया कि इस योजना को लागू करने से राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा, "लोड तो पड़ रहा है, लेकिन सरकार अपनी आय के साधन बढ़ा रही है।" मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के दौरान लोगों ने आशंका जताई थी कि यह चल नहीं पाएगी, लेकिन सरकार ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सरकार की प्राथमिकता: आय के साधनों का विस्तार

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि लाडली बहना योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के लिए सरकार ने आय के स्रोतों का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा, "जब आप आय बढ़ाते हैं, तो इससे न केवल योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करना संभव होता है, बल्कि वित्तीय व्यवस्था भी मजबूत होती है।"

महिला सशक्तिकरण और राजनीतिक प्रभाव

लाडली बहना योजना ने मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक नई दिशा दी है। यह योजना बीजेपी के लिए एक मजबूत राजनीतिक रणनीति भी साबित हुई, जिससे पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता योजनाओं के माध्यम से स्पष्ट होती है।

चुनौती और भविष्य

मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान से यह स्पष्ट है कि लाडली बहना योजना सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होने के साथ-साथ एक चुनौती भी है। वित्तीय दबाव के बावजूद, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि योजना जारी रहे और इससे महिलाओं को लाभ मिलता रहे।

निष्कर्ष

लाडली बहना योजना केवल एक आर्थिक सहायता योजना नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान का प्रतीक है। वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, सरकार इस योजना को प्राथमिकता दे रही है। यह योजना न केवल महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि यह दिखाती है कि सही नीतियों के साथ वित्तीय बाधाओं को भी पार किया जा सकता है।

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