Amit Shah News: नक्सलवाद का अगले चैत्र नवरात्रि तक खात्मा... दंतेवाड़ा में गरजे शाह

Amit Shah News - नक्सलवाद का अगले चैत्र नवरात्रि तक खात्मा... दंतेवाड़ा में गरजे शाह
| Updated on: 05-Apr-2025 04:10 PM IST

Amit Shah News: दंतेवाड़ा की धरती पर शनिवार को एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की कि अगले वर्ष तक नक्सलवाद का अंत हो जाएगा। उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि बस्तर अब लाल आतंक से मुक्ति के अंतिम पड़ाव पर है और विकास की नई दिशा में कदम बढ़ा चुका है। उनका यह बयान न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि बस्तरवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को भी नया आयाम देता है।

बस्तर पंडुम में दिया नक्सलियों को संदेश

बस्तर पंडुम’ जैसे पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि अब वो दिन चले गए जब बस्तर गोलियों की आवाज से कांपता था। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं, क्योंकि किसी के भी मरने से किसी को खुशी नहीं होती। यह बयान एक दृढ़ता और करुणा दोनों का परिचायक है — एक ओर दृढ़ निश्चय, दूसरी ओर मानवीय संवेदनाएं।

विकास की ओर अग्रसर बस्तर

अमित शाह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जो विकास पिछले 50 वर्षों में नहीं हो सका, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने केवल पांच वर्षों में संभव किया है। उन्होंने इसे बस्तर के लिए विकास का स्वर्णिम कालखंड बताया, जो इस क्षेत्र के भविष्य की आशाओं को और मजबूत करता है।

बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने बाबू जगजीवन राम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबूजी ने दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों के लिए जीवनभर संघर्ष किया, और उनका जीवन देश के लिए प्रेरणास्रोत है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का भरोसा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस अवसर पर अमित शाह के संकल्प को "मां दंतेश्वरी की कृपा" से पूर्ण होने वाला बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में चल रही कार्रवाई नक्सलवाद के समूल नाश की ओर बढ़ रही है और यह मिशन अब निर्णायक मोड़ पर है।

नक्सल विरोधी अभियान में अभूतपूर्व सफलता

2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान को जबरदस्त गति मिली है। अब तक लगभग 350 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बस्तर क्षेत्र के उग्रवादी शामिल हैं। हाल ही में 29 मार्च को हुई दो मुठभेड़ों में 18 नक्सली, जिनमें 11 महिलाएं भी थीं, ढेर किए गए। इसके साथ ही, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है, जो बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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