Vladimir Putin India Visit: 4 साल बाद भारत आ रहे पुतिन: S-400, तेल और व्यापार सहित कई अहम डील्स पर होगी चर्चा
Vladimir Putin India Visit - 4 साल बाद भारत आ रहे पुतिन: S-400, तेल और व्यापार सहित कई अहम डील्स पर होगी चर्चा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 से 5 दिसंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे, जो चार साल में उनकी पहली भारत यात्रा होगी और इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक। साझेदारी’ को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ऊर्जा, रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग इस उच्च-स्तरीय यात्रा के मुख्य फोकस बिंदु। होंगे, जिसमें कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा और घोषणाएं होने की उम्मीद है।
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर नई डील
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग हमेशा से ही द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है। इस यात्रा के दौरान, भारत S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नए ऑर्डर दे सकता है और भारत ने पहले ही 2018 में पांच S-400 यूनिट की खरीद का सौदा किया था, जिनमें से तीन यूनिट मिल चुकी हैं और दो अभी मिलनी बाकी हैं। प्रत्येक S-400 स्क्वाड्रन में दो बैटरियां होती हैं, जिनमें से प्रत्येक में छह लॉन्चर, एक कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम, सर्विलांस रडार और एंगेजमेंट रडार लगे होते हैं और प्रत्येक बैटरी में 128 मिसाइल लगाए जा सकते हैं, जो इसे एक दुर्जेय रक्षा प्रणाली बनाते हैं। पाकिस्तान और चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को देखते हुए, यह डील भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है, जिससे देश की हवाई रक्षा क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी।रूसी तेल पर एक्स्ट्रा डिस्काउंट और ऊर्जा सुरक्षा
ऊर्जा सुरक्षा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, और इस यात्रा में रूसी तेल पर अतिरिक्त डिस्काउंट एक प्रमुख चर्चा का विषय होगा और अमेरिकी टैरिफ के दबाव के कारण भारत ने हाल के दिनों में रूसी तेल की खरीद कम की है, लेकिन रूस अब भारत को नया और आकर्षक डिस्काउंट ऑफर कर रहा है। इस बैठक में सस्ती ऊर्जा आपूर्ति पर लंबे समय तक चलने वाले समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, रूसी LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस), कोयला और गैस पाइपलाइन सहयोग जैसे अन्य ऊर्जा स्रोतों पर भी गहन चर्चा हो सकती है, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी को व्यापक बनाएगा।व्यापार संतुलन सुधारने के लिए पैकेज
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन व्यापार संतुलन में असंतुलन एक चिंता का विषय रहा है। 2024-25 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार $68. 7 बिलियन था, जिसमें भारत का निर्यात केवल $4 और 88 बिलियन था। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए इस यात्रा के दौरान कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं और भारतीय सामानों के लिए रूसी बाजार में विशेष पहुंच का ऐलान हो सकता है, जिससे भारतीय निर्यातकों को रूस में अपने उत्पादों को बेचने के अधिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, रुपया-रूबल में व्यापार बढ़ाने के प्रयासों पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम होगी और दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेनदेन सुगम होगा।डिफेंस को-प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
रक्षा क्षेत्र में सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं। इस यात्रा के दौरान AK-203 राइफल के उत्पादन को तेज करने पर चर्चा हो सकती है, जो भारत में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित की जा रही हैं और इसके अलावा, ब्रह्मोस मिसाइल और भविष्य के रक्षा प्रोजेक्ट्स पर नए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत डिफेंस इक्विपमेंट्स के संयुक्त मैन्युफैक्चरिंग पर भी नई घोषणाएं हो सकती हैं, जिससे भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताएं बढ़ेंगी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।न्यूक्लियर एनर्जी पर नई घोषणाएं
परमाणु ऊर्जा सहयोग भारत-रूस संबंधों का एक और महत्वपूर्ण पहलू है और इस यात्रा में कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट की नई यूनिटों पर प्रगति को लेकर घोषणा हो सकती है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इसके साथ ही, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) और भविष्य के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स पर भी सहमति बन सकती है, जो परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और सहयोग के नए रास्ते खोलेगा।RT (Russia Today) के भारतीय चैनल की लॉन्चिंग
मीडिया और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, राष्ट्रपति पुतिन भारत दौरे पर RT India चैनल लॉन्च करेंगे। RT रूसी सरकार का एक प्रमुख ब्रॉडकास्टिंग चैनल है, और भारत में इसकी लॉन्चिंग दोनों देशों के बीच मीडिया सहयोग में एक नई शुरुआत होगी। यह कदम भारत और रूस के लोगों के बीच समझ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में मदद करेगा।दोनों देशों का विजन डॉक्यूमेंट और रणनीतिक रोडमैप
यह यात्रा ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ के 25 साल पूरे होने के अवसर पर हो रही है। इस दौरान दोनों देश एक विजन डॉक्यूमेंट जारी कर सकते हैं, जो इस साझेदारी की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा को रेखांकित करेगा। इसके अलावा, दोनों देश अगले 10 साल के लिए एक रणनीतिक रोडमैप भी जारी कर सकते हैं, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, व्यापार, साइंस और टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अंतरिक्ष सहयोग के तहत, गगनयान मिशन के लिए रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस से आगे के सहयोग पर चर्चा हो सकती है। साथ ही, सैटेलाइट नेविगेशन (GLONASS-NavIC सहयोग) पर भी महत्वपूर्ण ऐलान होने की संभावना है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में दोनों देशों के बीच तालमेल को बढ़ाएगा। यह विजन डॉक्यूमेंट और रोडमैप अगले दशक के लिए भारत-रूस संबंधों की। नींव रखेगा, जिससे दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग और मजबूत होगा।