India-Russia Relation: भारत-US ट्रेड वार के बीच दिल्ली आएंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, NSA अजीत डोभाल ने की दौरे की पुष्टि

India-Russia Relation - भारत-US ट्रेड वार के बीच दिल्ली आएंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, NSA अजीत डोभाल ने की दौरे की पुष्टि
| Updated on: 07-Aug-2025 05:07 PM IST

India-Russia Relation: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने गुरुवार को मॉस्को में इस दौरे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वह पुतिन के भारत दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, जिसके चलते यह यात्रा वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है।

भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी में नई मजबूती

मॉस्को में अपने दौरे के दौरान एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि भारत और रूस लंबे समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। पुतिन के इस दौरे से दोनों देशों के बीच यह साझेदारी और गहरी होगी। खास तौर पर, यह दौरा उस समय हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 50% टैरिफ लगाया है। ऐसे में भारत और रूस मिलकर वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने की रणनीति बना सकते हैं।

पुतिन का दिल्ली दौरा: कब और क्यों?

अजीत डोभाल ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन इस साल के अंत तक, संभवतः दिसंबर 2025 में, नई दिल्ली पहुंचेंगे। यह दौरा 23वें भारत-रूस सम्मेलन का हिस्सा होगा। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। विशेष रूप से, यूक्रेन युद्ध और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे मुद्दे इस वार्ता के केंद्र में हो सकते हैं।

चार साल बाद भारत की यात्रा

राष्ट्रपति पुतिन इससे पहले दिसंबर 2021 में भारत आए थे, जब उन्होंने 21वें भारत-रूस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद वह भारत नहीं आ सके। इस तरह, चार साल बाद उनकी यह यात्रा खास मायने रखती है।

चर्चा के प्रमुख मुद्दे

पुतिन के दौरे के दौरान निम्नलिखित मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है:

  • रक्षा सहयोग: भारत और रूस के बीच लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में मजबूत सहयोग रहा है। इस दौरे में नए रक्षा समझौतों पर चर्चा हो सकती है।

  • ऊर्जा और व्यापार: भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ इस दौरे का अहम हिस्सा होंगे।

  • भू-राजनीतिक गतिशीलता: वैश्विक मंच पर बदलते समीकरणों और यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है।

  • अमेरिका के साथ तनाव: भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध के बीच रूस के साथ गठजोड़ भारत की रणनीति को और मजबूत कर सकता है।

पीएम मोदी के कार्यकाल में पुतिन का छठा दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल में यह छठा अवसर होगा, जब पुतिन भारत की यात्रा करेंगे। इससे पहले वह 2014, 2015, 2016, 2018, और 2021 में भारत आ चुके हैं। कोविड-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण 2019 से 2024 के बीच उनकी यात्रा संभव नहीं हो सकी थी। इस बार उनके दौरे पर वैश्विक समुदाय, खासकर अमेरिका, की नजरें रहेंगी।

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