Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी Atal Bihari Vajpayee को श्रद्धांजलि देने सदैव अटल पहुंचे राहुल गांधी, कड़ाके की ठंड में भी टी-शर्ट में दिखाई दिए

Bharat Jodo Yatra - राहुल गांधी Atal Bihari Vajpayee को श्रद्धांजलि देने सदैव अटल पहुंचे राहुल गांधी, कड़ाके की ठंड में भी टी-शर्ट में दिखाई दिए
| Updated on: 26-Dec-2022 12:43 PM IST
Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज सोमवार (26 दिसंबर) को अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अपने पिता राजीव गांधी, विजय घाट पर लाल बहादुर शास्त्री, सदैव अटल में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को श्रद्धांजलि अर्पित की। 7 सितंबर से 3,500 किलोमीटर से अधिक लंबी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी यात्रा यात्रा के नौ दिनों के ब्रेक के रहते दिल्ली में माजूद हैं। भारत जोड़ो यात्रा 3 जनवरी को फिर से शुरू होगी।

सदैव अटल भी पहुंचे राहुल गांधी (Rahul Gandhi)

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनकी समाधि स्थल का नाम सदैव अटल रखा गया है। आज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महात्मा गांधी सहित अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की समाधि पर पहुंचकर फूल चढ़ाए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आज सुबह राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप गांधी जी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चरण सिंह, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और जगजीवन राम की समाधियों पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कड़ाके की ठंड में फिर टी-शर्ट में नजर आए राहुल गांधी (Rahul Gandhi)

सोमवार सुबह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कड़ाके की ठंड में फिरसे टी-शर्ट पहन राजघाट पहुंचे। हाल ही में उनसे पूछा गया था कि दिल्ली की सर्दी में उन्हें ठंड नहीं लग रही है, इस सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने पिछले हफ्ते कहा था वे मुझसे पूछते रहते हैं कि मुझे ठंड कैसे नहीं लगती है। लेकिन वह किसान, कार्यकर्ता, गरीब बच्चों से यह सवाल नहीं पूछते, उन लोगों से नहीं पूछते जो गर्म कपड़े खरीदने में भी सक्षम नहीं हैं।

राहुल गांधी ने लाल किले से कहा था कि मैं 2,800 किलोमीटर पैदल चल चुका हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। किसान हर दिन इतना पैदल चलते हैं, जैसा कि खेतिहर मजदूर, कारखाने के मजदूर पैदल चलते हैं।

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