Haryana Election 2024: राम रहीम आया हरियाणा चुनाव के बीच जेल से बाहर, बागपत में काटेगा 20 दिन

Haryana Election 2024 - राम रहीम आया हरियाणा चुनाव के बीच जेल से बाहर, बागपत में काटेगा 20 दिन
| Updated on: 02-Oct-2024 09:19 AM IST
Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, जो बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है, को 20 दिन की पैरोल मिलने के बाद एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। वह बुधवार सुबह हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम के लिए रवाना हुआ। यह 15वीं बार है जब राम रहीम पिछले चार वर्षों में पैरोल पर बाहर आया है।

चुनाव आयोग की मंजूरी

सोमवार को चुनाव आयोग ने गुरमीत राम रहीम के पैरोल अनुरोध को मंजूरी दी थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की पैरोल पर विचार कर सकती है, बशर्ते उसकी याचिका में दिए गए तथ्य सत्य हों और पैरोल चुनावी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न करे। इस मंजूरी के बाद हरियाणा सरकार ने राम रहीम की रिहाई के आदेश जारी कर दिए।

गुरमीत राम रहीम की रिहाई 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले हुई है, जो कई सवाल खड़े करती है, क्योंकि हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा सच्चा सौदा का व्यापक प्रभाव माना जाता है।

राम रहीम पर लगे कई प्रतिबंध

पैरोल के दौरान राम रहीम पर कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। उसे हरियाणा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और वह किसी भी चुनावी गतिविधियों में, चाहे व्यक्तिगत रूप से या सोशल मीडिया के माध्यम से, भाग नहीं ले सकता है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखना है। इसके अलावा, उसे केवल उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने की अनुमति दी गई है, जहां उसका बरनावा आश्रम स्थित है।

पिछली पैरोल और फरलो

राम रहीम की पिछली पैरोल और फरलो भी चुनावों के समय दी गई थीं, जिसने विवादों को जन्म दिया। फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले उसे तीन हफ्ते की फरलो मिली थी। इसके अलावा, नगर निकाय और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान भी उसे पैरोल दी जा चुकी है। यह पैरोल इस बार हरियाणा चुनाव से ठीक पहले दी गई है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या इसका कोई राजनीतिक फायदा उठाया जा सकता है।

सजा का इतिहास

गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 2017 में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के बाद उसके अनुयायियों ने हिंसा और आगजनी की थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे और देशभर में व्यापक हिंसा फैली थी। इसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है, लेकिन नियमित रूप से पैरोल और फरलो पर बाहर आता रहा है।

निष्कर्ष

गुरमीत राम रहीम की पैरोल, विशेष रूप से चुनावों के समय पर दी जाने वाली छुट्टियां, एक बार फिर विवादों को जन्म दे रही हैं। हालांकि, उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं ताकि वह चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप न कर सके, फिर भी इस फैसले के समय को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस जारी है। राम रहीम का प्रभाव चुनावों के परिणामों को प्रभावित कर सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां डेरा सच्चा सौदा का मजबूत प्रभाव है।

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