Haryana Election 2024: राम रहीम आएगा फिर जेल से बाहर, हरियाणा में वोटिंग से पहले 20 दिन की पैरोल मंजूर

Haryana Election 2024 - राम रहीम आएगा फिर जेल से बाहर, हरियाणा में वोटिंग से पहले 20 दिन की पैरोल मंजूर
| Updated on: 30-Sep-2024 11:03 PM IST
Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से 20 दिन की पैरोल मंजूर हो गई है। राम रहीम, जो दो शिष्याओं से बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है, रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। इस बार उसे चुनावी माहौल के बीच पैरोल मिली है, जो कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे रही है।

चुनाव आयोग से मिली मंजूरी

राम रहीम की पैरोल की अर्जी चुनाव आयोग के पास भेजी गई थी, जिसे विशेष शर्तों के साथ मंजूरी दे दी गई। यह 11वीं बार है जब राम रहीम जेल से बाहर आएगा। पैरोल के तहत, वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में रहेगा और हरियाणा में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इससे पहले, वह पचास दिन की पैरोल पर रिहा हो चुका है और शेष 20 दिन की पैरोल लेने के लिए उसने हाल ही में आवेदन किया था।

पैरोल की शर्तें

  • पैरोल की अवधि के दौरान, राम रहीम को कई सख्त शर्तों का पालन करना होगा। प्रमुख शर्तें निम्नलिखित हैं:
  • राम रहीम हरियाणा से बाहर रहेगा और बागपत डेरे में ही सीमित रहेगा।
  • वह किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकेगा।
  • सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से वह कोई राजनीतिक संदेश नहीं दे सकेगा।
  • किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में, उसकी पैरोल रद्द कर दी जाएगी।
चुनावों के समय पर असर

राम रहीम को चुनाव से पहले पैरोल मिलना कई बार चर्चाओं में रहा है। इस साल 13 अगस्त को भी उसे 21 दिन की पैरोल दी गई थी। हरियाणा के सिरसा, हिसार, फतेहाबाद और अन्य जिलों में राम रहीम का अच्छा खासा प्रभाव है, जहां उसके लाखों समर्थक रहते हैं।

हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके तीन दिन बाद, 8 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी। ऐसे में राम रहीम की पैरोल का चुनावी परिणामों पर संभावित प्रभाव का अनुमान लगाया जा रहा है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

गुरमीत राम रहीम के समर्थकों की बड़ी संख्या को देखते हुए, उसकी रिहाई से चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। इससे पहले भी, चुनावों के समय उसे पैरोल मिलना राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों के लिए चर्चा का विषय रहा है।

निष्कर्ष

राम रहीम की पैरोल के दौरान उसकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, लेकिन उसके समर्थकों के बीच इस खबर का व्यापक प्रभाव होगा। चुनावी माहौल में उसकी रिहाई हरियाणा की राजनीति में संभावित बदलाव का संकेत दे सकती है।

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