Rajasthan Crisis: गहलोत के 'निकम्मा' पर बोले पायलट- मैं आहत था लेकिन घूंट पीकर रह गया

Rajasthan Crisis - गहलोत के 'निकम्मा' पर बोले पायलट- मैं आहत था लेकिन घूंट पीकर रह गया
| Updated on: 11-Aug-2020 02:12 PM IST
Rajasthan Crisis: कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की वापसी हो रही है। सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि हमने और साथियों ने दिल्ली आकर कुछ मुद्दों को उठाया था जिनके समाधान का आश्वासन दिया गया है।

पायलट ने कहा, 'हम शुरू से कहते रहे हैं कि जो हमारी सरकार में खामियां हैं, उसे पार्टी फोरम पर उठाएंगे। उसे ही हमने पार्टी के सामने रखा।' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से निकम्मा कहे जाने पर सचिन पायलट ने कहा, मैं आहत था, लेकिन घूंट पीकर रह गया।'

सचिन पायलट ने कहा कि हमें आश्वासन दिया गया है कि बहुत जल्द समयबद्ध तरीके से सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। पार्टी ने दिल्ली में हमारी बात सुनी। अब पार्टी की ओर से क्या पद और जिम्मेदारी दी जाएगी, वह पार्टी पर निर्भर है। पार्टी ने सभी मुद्दों को निपटाने की बात कही है।

फिर से डिप्टी सीएम बनने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी ने पिछले 20 सालों में जो भी दायित्व दिया है उसे मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है। मैं आज भी वो कर रहा है। पद हो या न हो, मेरी प्रदेश की जनता के प्रति जो जिम्मेदारी है उसे निभाता रहूंगा। पायलट ने कहा कि जो वादे करके हम सत्ता में आएं हैं उसे पूरा करना हम सबकी प्राथमिकता रहेगी

समस्या के निराकरण पर सचिन पायलट ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से सरकार का हिस्सा रहा, और उप मुख्यमंत्री के रूप में मैंने काम भी किया।लेकिन मैंने कभी भी राजनीति को व्यक्तिगत नहीं बनाया। मुख्यमंत्री जी मेरे से बड़े हैं और उनके प्रति सम्मान है, लेकिन अगर वादों के मुताबिक काम नहीं हुआ तो उसकी बात उठाना जरूरी थी।

सचिन पायलट ने कहा कि काम करने के तरीके में, शासन में जो कामयाबी अपेक्षित है, अगर वो हासिल नहीं हो रही है तो मेरा मानना है कि उसे मुद्दा बनाना मेरे लिेए लाजमी था। और बात सिर्फ सरकार की नहीं है। क्योंकि छह साल पहले हम मात्र 21 सीट पर रह गए थे। प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद हमने पांच साल तक संघर्ष किया, धरना प्रदर्शन किया, जेल गए तब जाकर हम जनमानस के दिल में उतर पाए। राजस्थान में हम अपनी सरकार लेकर आए। लेकिन सरकार बनाने में जिनकी भूमिका रही, उन्हें ही सम्मान नहीं मिलेगा तो ठेस पहुंचती है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से निकम्मा वाले बयान दिए जाने पर पायलट ने कहा, 'मुख्यमंत्री के बयान से मैं आहत था, लेकिन मैंने अपनी ओर से संयम नहीं तोड़ा और किसी तरह का गलत जवाब नहीं दिया। राजनीति में हमें अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। जब मैं पार्टी अध्यक्ष था तो सारे गुण मुझमें थे, लेकिन अब मैं निकम्मा हो गया।'

सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में जिनकी मेहनत से सरकार बनी, अगर उन्हें दरकिनार कर दिया जाएगा, उनकी भागीदारी सुनिश्चित नहीं होगी तो मेरी जिम्मेदारी थी कि राजस्थान में पार्टी प्रेसिडेंट होने के नाते उन मुद्दों को सामने लाऊं। इसके बाद मेरी राहुल और प्रियंका गांधी के साथ जो मीटिंग हुई उससे लोग काफी संतुष्ट हैं। सोनिया गांधी ने कमेटी बनाकर मामलों को सुलझाने की बात कही है।

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