देश: फिर से एक मंच पर होगी पूरी दुनिया की नजरे, PM मोदी और जिनपिंग होंगे आमने-सामने, जानिए कब?

देश - फिर से एक मंच पर होगी पूरी दुनिया की नजरे, PM मोदी और जिनपिंग होंगे आमने-सामने, जानिए कब?
| Updated on: 06-Nov-2020 10:18 PM IST
नई दिल्ली | भारत-चीन टकराव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना-सामाना होने जा रहा है। दोनों नेता संघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम को इस बात की पुष्टि की कि पीएम SCO काउंसिल के 20वें सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। हालांकि दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का कार्यक्रम नहीं है, लेकिन दोनों सीमा तनाव के बीच पहली बार किसी मंच पर साथ होंगे और इस वजह से दुनिया की नजर इस बैठक पर होगी।

मई से ही दोनों देशों के बीच सीमा विवाद चल रहा है। जून में तो दोनों सेनाओं के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई,जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी कई सैनिक मारे गए, लेकिन उसने अभी तक संख्या का खुलासा नहीं किया है। हड्डी गलाने वाली ठंड के बीच भी हथियारों से लैस दोनों सेनाएं सीमा पर डटी हैं। इस बीच दोनों पक्षों में 8 दौर की कमांडर स्तर वार्ता हो चुकी है, लेकिन ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ''पीएम मोदी 20वें एससीओ राष्ट्र प्रमुखों के 20वें सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। जिसका आयोजन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में 10 नवंबर को वर्चुअली होने जा रहा है। यह तीसरी बैठक है जिसमें भारत पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होगा।'' चीन ने एक दिन पहले ही पुष्टि कर दी है कि शी चिनपिंग इस बैठक में शामिल होंगे।

एससीओ शिखर सम्मेलन में शी की उपस्थिति के बारे में गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए चीन के उप विदेश मंत्री ली युचेंग ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति अन्य नेताओं के साथ नए दृष्टिकोण के साथ जोखिम और चुनौतियों से निपटने, सुरक्षा ,स्थिरता बढ़ाने और विकास के कदमों पर चर्चा करेंगे। 

उप विदेश मंत्री ने इस बैठक में द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया क्योंकि इस शिखर सम्मेलन का आयोजन डिजिटल तरीके से होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 के बाद के दौर में आमने-सामने की बैठकें हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी एकजुटता, आपसी विश्वास, बहुपक्षवाद को मजबूत करने और कोविड-19 के बाद के दौर में समूह के देशों की प्रगति के लिए अपना प्रस्ताव रखेंगें।

8 राष्ट्रों वाले एससीओ में चीन का दबदबा है। यह क्षेत्रीय समूह दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी और वैश्विक जीडीपी के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। चीन, रूस, कजाखस्तान, कीर्गिस्तान, ताजीकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के संस्थापक सदस्य हैं। एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है। भारत और पाकिस्तान 2017 में इस समूह में शामिल हुए।

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