देश: नहीं होगी शबनम को फांसी? जेल अधीक्षक को प्रस्तुत की दया याचिका के लिए आवेदन
देश - नहीं होगी शबनम को फांसी? जेल अधीक्षक को प्रस्तुत की दया याचिका के लिए आवेदन
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Updated on: 19-Feb-2021 11:54 AM IST
रामपुर। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में अपने ही परिवार के 7 सदस्यों की जघन्य हत्या को अंजाम देने वाली शबनम ने एक बार फिर दया की गुहार लगाई है। शबनम के दो वकील गुरुवार को रामपुर जिला जेल पहुंचे। यहां, उन्होंने जेल अधीक्षक को दया याचिका के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। जानकारी के अनुसार, जेल अधीक्षक अब यह अर्जी राज्य के राज्यपाल को दया याचिका के लिए भेजेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति ने शबनम की पहली दया याचिका खारिज कर दी है। अब शबनम के वकील फिर से राज्यपाल के पास दया याचिका भेज रहे हैं। शबनम की मौत की सजा को भी सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। उधर, मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारी चल रही है। पवन जल्लाद मथुरा जेल के महिला फांसी घर का भी दो बार निरीक्षण कर चुके हैं। मथुरा जेल प्रशासन अब मामले में शबनम की मौत के वारंट का इंतजार कर रहा है।इससे पहले शबनम के बेटे मुहम्मद ताज भी अपनी मां से माफी मांग चुके हैं। शबनम के 12 साल के बेटे ताज ने कहा है कि राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दें। गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2008 की रात जब शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी, उस समय वह दो महीने की गर्भवती थी। शबनम ने जेल में ताज को जन्म दिया।शबनम के दोस्त उस्मान सैफी ने ताज को गोद लिया था। आज ताज 12 साल का हो गया है। जब उसने सुना कि उसकी मां को फांसी दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील की। बुलंदशहर में भूड़ चौराहे के पास सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी के संरक्षण में बड़े होकर, ताज को अपनी माँ के पापों का एहसास होता है। उस्मान ने कहा कि ताज ने राष्ट्रपति से मां शबनम को माफ करने की मांग की है।वहीं, शबनम की चाची कहती हैं कि हमें खून के बदले खून की जरूरत है। इसे जल्द ही फांसी दी जानी चाहिए। आंटी ने कहा कि उस समय अगर हम भी घर में होते तो हम भी इसे मार देते। हम घटना के बाद आधी रात को यहां पहुंचे। शबनम की चाची ने कहा कि याचिका खारिज कर दी गई, हम बहुत खुश हैं। इसे फांसी होनी चाहिए। वहीं, क्या फांसी के बाद डेडबॉडी ली जाएगी? इस सवाल के जवाब में, आंटी ने कहा कि हम क्यों लेंगे? हम नहीं लेंगे। ऐसी लड़की की लाश के साथ हम क्या करेंगे? चाचा ने कहा कि हम उस समय यहाँ नहीं थे। वे रात दो बजे के बाद मौके पर पहुंचे थे, सभी को अलग कर दिया गया था। जो किया है उसे भरना है। उन्होंने कहा कि एक और देश था, इसे बहुत पहले निष्पादित किया गया था।
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