Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिंदे का सरेंडर, अब भी सीएम पर सस्पेंस बरकरार

Maharashtra Politics - महाराष्ट्र में शिंदे का सरेंडर, अब भी सीएम पर सस्पेंस बरकरार
| Updated on: 27-Nov-2024 06:55 PM IST

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का ऐलान किया कि मुख्यमंत्री पद का अंतिम निर्णय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हाईकमान लेगी। शिंदे ने कहा कि वह बीजेपी के निर्णय को पूरे मन से स्वीकार करेंगे और नई सरकार के तहत मिलकर काम करेंगे।

शिंदे का "सरेंडर"

ठाणे में आयोजित 18 मिनट के मराठी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने कहा, "मुझे जब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी, तब महाराष्ट्र विकास के मामले में तीसरे स्थान पर था। मैंने इसे पहले स्थान पर लाने का काम किया।" उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं ने एकतरफा उनके पक्ष में जनादेश दिया और उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए ‘लाडकी बहिन’ योजना शुरू की थी।

शिंदे ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री पद पर निर्णय बीजेपी का होगा और वे उसके अधीन काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अपनी बात को और मजबूती देते हुए प्रसिद्ध शेर ‘अभी तो उड़ान बाकी है’ भी पढ़ा।

बीजेपी का प्रदर्शन और सत्ता समीकरण

288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन को 230 से अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थान हासिल किया। एकनाथ शिंदे की पार्टी को 57 सीटों पर जीत मिली। सरकार बनाने के लिए आवश्यक 145 विधायकों के जादुई आंकड़े से बीजेपी सिर्फ 13 कदम दूर है। बीजेपी को 5 निर्दलीय और 41 एनसीपी विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है, जिससे बहुमत का आंकड़ा पार करना उसके लिए आसान हो गया है।

शिंदे की मजबूरी

एकनाथ शिंदे के पास मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में बीजेपी के फॉर्मूले को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अगर शिंदे सत्ता में नहीं रहते हैं, तो मुंबई नगर निगम चुनाव में उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है। मुंबई नगर निगम, जो शिवसेना का गढ़ रहा है, पर शिंदे अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।

सीएम पद पर सस्पेंस

एकनाथ शिंदे के बयान के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर किसी नाम का ऐलान नहीं किया है। पार्टी विधायकों की राय जानने के लिए पर्यवेक्षक भेजने की योजना बना रही है। इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

गठबंधन के भीतर समन्वय बनाने के लिए एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया गया है। शिंदे ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि महायुति की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा।

बीजेपी के पिछले फैसलों से उम्मीदें

पिछले एक साल में बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा और हरियाणा में नई सरकारें बनाई हैं। इनमें से अधिकांश राज्यों में पार्टी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। इसी वजह से महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री पद पर किसे चुना जाएगा, इस पर कयासों का दौर जारी है।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र में बीजेपी और सहयोगी दलों की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस राज्य की राजनीति को दिलचस्प बना रहा है। एकनाथ शिंदे ने भले ही मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ दी हो, लेकिन नई सरकार में उनका महत्व बना रहेगा। अब सभी की नजरें बीजेपी हाईकमान पर हैं, जो मुख्यमंत्री के नाम का अंतिम ऐलान करेगी।

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