जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने पूरे राजस्थान को हिला दिया है। रात करीब 10:30 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण अस्पताल के एक हिस्से में आग भड़क उठी, जिससे अफरातफरी मच गई और कई मरीजों को आनन-फानन में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल राज्य के चिकित्सा। मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अनुपस्थिति पर उठ रहा है।
मंत्री की अनुपस्थिति पर गरमाई सियासत
मुख्यमंत्री स्वयं रात को अस्पताल पहुँचकर हालात का जायजा ले रहे थे, वहीं चिकित्सा मंत्री का घटनास्थल से नदारद रहना अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है और आग की खबर देशभर के मीडिया में प्रमुखता से चल रही थी, इसके बावजूद मंत्री का अस्पताल न पहुँचना जनता और पत्रकारों के बीच भारी नाराजगी का कारण बन गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर ट्विटर (X) और फेसबुक पर, लोगों ने मंत्री की जवाबदेही पर तीखे सवाल उठाए हैं और उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
जनता और पत्रकारों के तीखे सवाल
पत्रकारों और नागरिकों ने मंत्री की अनुपस्थिति को "अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना" बताया है। कई लोगों ने पूछा कि जब मुख्यमंत्री स्वयं मौके पर पहुँच सकते हैं, तो स्वास्थ्य विभाग के मुखिया कहाँ थे? एक पत्रकार ने लिखा, "अगर स्वास्थ्य मंत्री संकट की घड़ी में मौजूद नहीं होंगे, तो जनता उम्मीद किससे करे? " सोशल मीडिया पर #ResignGajendraSinghKhinvsar जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अगर मंत्री अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।
यह घटना SMS अस्पताल जैसे प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान की फायर सेफ्टी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। पूर्व में भी ऐसी तकनीकी खामियों और अनदेखी के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर फाइलें ठंडी पड़ जाती हैं। इस बार जनता का गुस्सा केवल प्रशासनिक लापरवाही पर नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनहीनता और जवाबदेही से बचते राजनीतिक नेतृत्व पर भी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर मंत्री जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण नहीं देते, तो उन पर दबाव और बढ़ सकता है। विपक्षी दलों ने भी मंत्री के इस्तीफे की मांग की है, जिससे यह मुद्दा और गहरा गया है।