स्पेसएक्स की लॉन्चिंग: नासा का क्रू डेमो-2 मिशन लॉन्च; पहली बार निजी कंपनी का रॉकेट 2 अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक ले जाएगा

स्पेसएक्स की लॉन्चिंग - नासा का क्रू डेमो-2 मिशन लॉन्च; पहली बार निजी कंपनी का रॉकेट 2 अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक ले जाएगा
| Updated on: 31-May-2020 01:26 AM IST

वॉशिंगटन । अंतरिक्ष विज्ञान के लिए आज ऐतिहासिक मौका है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने 2 अंतरिक्ष यात्रियों को निजी कंपनी स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर भेजा है। ये अंतरिक्ष यात्री रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले हैं। मिशन का नाम ‘क्रू डेमो-2’ और स्पेसक्राफ्ट का नामक्री ड्रैगन’ है। भारतीय समयानुसार शनिवार रात करीब 1 बजे मिशन की लॉन्चिंग की गई। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में रॉकेट को 19 घंटे लगेंगे।

21 जुलाई 2011 के बाद पहली बार अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट पर कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा। स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिग अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 से की जाएगी। स्पेसएक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है। 

27 मई को 17 मिनट पहले टला था मिशन
पहले यह लॉन्चिंग 27 मई की रात को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होनी थी, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से 17 मिनट पहले मिशन रोक दिया गया था। नासा ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से अपील की थी कि वे लॉन्चिंग देखने के लिए बाहर निकलें। हालांकिराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी बेटी इवांका अपने पति जेयर्ड और दोनों बच्चों के साथ केनेडी स्पेस सेंटर पहुंची थीं। 

आज भी मौसम साफ रहने की 50% संभावना
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा है कि शनिवार को मौसम के अनुकूल रहने की 50% संभावना है। मौसम ने साथ नहीं दिया तो लॉन्चिंग रविवार तक या इससे भी आगे के लिए टल सकती है। 

स्पेस एक्स और नासा दोनों ही सिर्फ कैनेडी स्पेस सेंटर नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के मौसम पर नजर रख रहे हैं। यहां बारिश, घने बादल और बिजली गिरने की आशंका बनी हुई है। माना ये जा रहा है कि ऐन वक्त पर लॉन्च टल सकता है। टेक ऑफ के लिए जरूरी है कि हवा तय मापदंड के हिसाब से हो। 

20 साल से आईएसएस मिशन पर काम चल रहा

  • नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही आईएसएस पर मिशन पर काम कर रहा है। हालांकि, 2011 में उसने अपने रॉकेट से यह लॉन्चिंग करना बंद कर दी थी। इसके बाद इसके बाद अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट रूस के रॉकेटों से भेजे जाने लगे।
  • रूसी रॉकेट से लॉन्चिंग का खर्च लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में अमेरिका ने स्पेसएक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
  • स्पेसएक्स कंपनी की स्थापना 2002 में की गई थी। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।  
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