हिंदी दिवस विशेष: चीनी नामों पर ऐसे चढ़ रहा है हिंदी की बिंदी का रंग

हिंदी दिवस विशेष - चीनी नामों पर ऐसे चढ़ रहा है हिंदी की बिंदी का रंग
| Updated on: 14-Sep-2020 09:27 AM IST
नई दिल्ली। चीनी (Chinese) ड्रेगन बेशक आजकल लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मुंह से आग उगल रहा है। मौजूदा वक्त में भारत-चीन (India-China) सीमा पर तनातनी चल रही है, लेकिन चानी नामों पर हिंदी की बिंदी का रंग भी खूब चढ़ रहा है। चीनी छात्र आग उगलने के बजाए हिंदी की बिंदी और मात्राओं के उच्‍चारण रट रहे हैं। हिंदी में भी उर्दू की तरह से नुक्‍ता (बिंदी) लगाने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं।

यही वजह है कि बीजिंग (Beijing) में चलने वाले हिंदी संस्थान में पढ़ने के लिए चीनी छात्रों को हिंदुस्तानी (Hindustan) नाम रखना होता है। चीनी छात्रों को भारत की भाषा हिंदी (Hindi) और यहां की संस्कृति से भी बेहद मोहब्बत है। हिंदुस्तानी नाम उनकी ऐसी पहचान बन जाते हैं कि बेशक दस्तावेजों में उनका चीनी नाम लिखा जाता है, लेकिन बोलचाल में नौकरी की जगह पर भी उन्हें हिंदी नाम से पुकारा जाता है।

81 साल से चीन में यह संस्‍थान सिखा रहा है हिंदी

प्रोफेसर देवेंद्र शुक्ल हिंदी पढ़ाने के लिए भारत से चीन गए थे। तीन साल के लिए गेस्ट टीचर के रूप में उनकी नियुक्ति बीजिंग के हिंदी संस्थान में हुई थी। यह संस्थान 1939 से चीन में संचालित हो रहा है। प्रो। शुक्ल बताते हैं कि इस संस्थान में 5 साल का हिंदी भाषा का कोर्स कराया जाता है। तीन साल चीनी छात्र चीनी भाषा में हिंदी पढ़ते हैं। फिर दो साल के लिए भारत आकर हिंदी सीखते हैं। इस दौरान भारत से भी एक गेस्ट टीचर चीन हिंदी पढ़ाने के लिए जाता है।


मौजूदा विदेश मंत्री की देन हैं चीन में हिंदी नाम

प्रो। शुक्ल बताते हैं, 'जब मैं 2009 में चीन पहुंचा तो देखा कि हिंदी भाषा के लिए चीनी छात्र उत्साहित रहते हैं। उस वक्त चीन में भारत के राजदूत एस। जयशंकर थे। एक दिन मैंने जयशंकर जी से मुलाकात की और हिंदी नाम वाला प्रपोज़ल उनके सामने रखा तो वो भी तैयार हो गए। इसके बाद हमने लड़के और लड़कियों के हिंदी नाम रखने शुरू किए। इसका एक बड़ा फायदा यह मिला है कि छात्रों को हिंदी के अक्षरों की पहचान होने लगी और दिन में कई-कई बार हिंदी नाम बोलने से उनका उच्चारण भी ठीक होने लगा।'


चीनी छात्र हिंदी ही नहीं उर्दू नाम में भी रखते हैं दिलचस्‍पी

प्रो। देवेंद्र शुक्ल बताते हैं कि छात्र इस संस्थान में हिंदी नाम तो रखते ही हैं, साथ में उर्दू नाम भी रखते हैं। फिर वो चाहे लड़का हो या लड़की सब हिंदी और उर्दू के नाम रखते हैं। अब एक नज़र डालते हैं उन हिंदी और उर्दू नामों पर जो चीन में रखे जाते हैं। मज़े की बात यह है कि प्रो। शुक्ल का चीन में चीनी नाम पाई शूरेन रखा गया था।

Zhou Yuan- कुमारी नसरीन

Shi Yun- नासिर

Li Hongying- अद्विका

Li Ching- ख़ुशी

Kuan Ti- शिव

Chang Shan- कुमारी अमृता

Mr। Liu Lei- हीरक

Kang yuke- मालिनी

Liu Gaoli- कुमारी ज़ोहरा

इसके साथ ही विवेक, अमर, विष्णु, सुमालिका, शांति, आकाश आदि नाम भी रखे गए हैं। मौजूदा वक्त में यह सभी लोग चीन के बड़े-बड़े संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।