Arvind Kejriwal News: आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। उनके द्वारा यमुना नदी में जहर मिलाए जाने के बयान पर हरियाणा सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। हरियाणा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केजरीवाल के खिलाफ सोनीपत की अदालत में मुकदमा दायर किया है। इसके बाद सोनीपत कोर्ट ने केजरीवाल को समन भेजते हुए 17 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है।हरियाणा सरकार का कहना है कि केजरीवाल के इस बयान से आम जनता में दहशत फैल सकती थी, और इसी कारण चुनाव आयोग को उनके चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके जवाब में केजरीवाल ने चुनाव आयोग से कहा कि उनका बयान तथ्यों पर आधारित था और उन्होंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया।
केजरीवाल का जवाब: तथ्यों पर आधारित था बयान
चुनाव आयोग की ओर से शिकायत किए जाने के बाद, अरविंद केजरीवाल ने 14 पेज का विस्तृत जवाब दाखिल किया। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान पूरी तरह तथ्यों पर आधारित था और उसमें किसी प्रकार की गलत जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए दावा किया कि उनका उद्देश्य केवल यमुना के पानी की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करना था।
राहुल गांधी का आरोप
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि झूठ बोलना केजरीवाल की आदत बन चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में केजरीवाल की सरकार ने यमुना नदी की सफाई के लिए कुछ नहीं किया। राहुल गांधी ने केजरीवाल को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वे यमुना नदी में डुबकी लगाकर दिखाएं।
मुख्यमंत्री सैनी का जवाब: यमुना के पानी से आचमन
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के आरोपों का जवाब अनोखे तरीके से दिया। सैनी ने बुधवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित दहिसरा गांव के पास यमुना नदी के 'पॉइंट नंबर-4' का दौरा किया और वहां यमुना के जल का आचमन किया। सैनी ने कहा कि यमुना नदी में जहर नहीं है, बल्कि यह जहर विपक्ष के दिमाग में भरा हुआ है। उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बयान पूरी तरह से झूठ पर आधारित था और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
केजरीवाल की प्रतिक्रिया: ढोंग कर रहे हैं मुख्यमंत्री
सैनी द्वारा यमुना के पानी का आचमन करने की तस्वीरें सामने आने के बाद केजरीवाल ने इसे ढोंग करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री ने पानी पीने की बजाय उसे मुंह में रखा और वापस यमुना में थूक दिया। केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर हरियाणा सरकार उनके खिलाफ केस करना चाहती है तो वह कर सकती है, लेकिन जिस पानी को मुख्यमंत्री स्वयं नहीं पी सके, उसे वह दिल्ली के नागरिकों को कभी नहीं पीने देंगे।
राजनीतिक तकरार में तूल
यह विवाद अब सिर्फ यमुना के पानी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि एक राजनीतिक तकरार में बदल गया है। जहां एक ओर केजरीवाल ने अपने बयान को सही ठहराया है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार और विपक्ष ने इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा मानते हुए अपने-अपने तरीके से इसका जवाब दिया है। इसके साथ ही, यह मामला राज्य सरकारों के बीच एक नई विवादित स्थिति को जन्म दे रहा है।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल और हरियाणा सरकार के बीच यह विवाद न केवल यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता पर आधारित है, बल्कि यह चुनावी राजनीति के बीच आरोप-प्रत्यारोप की एक नई मिसाल भी पेश कर रहा है। अब यह देखना होगा कि अदालत और चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और इसके राजनीतिक असर क्या होते हैं।