Parliament Session: आज संसद में हंगामे के आसार, जेपीसी की नया इनकम टैक्स बिल और वक्फ बिल पर रिपोर्ट पेश होगी

Parliament Session - आज संसद में हंगामे के आसार, जेपीसी की नया इनकम टैक्स बिल और वक्फ बिल पर रिपोर्ट पेश होगी
| Updated on: 13-Feb-2025 09:56 AM IST

Parliament Session: आज संसद में कार्यवाही के दौरान बड़े राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश करेंगी, जिसे केंद्रीय कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुका है। इसके अलावा, वक़्फ़ संशोधन बिल पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट भी लोकसभा और राज्यसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल इस रिपोर्ट और साक्ष्यों का रिकॉर्ड सदन के पटल पर रखेंगे। यह रिपोर्ट राज्यसभा में भी प्रस्तुत की जाएगी।

बजट सत्र के पहले चरण का अंतिम दिन

आज संसद के बजट सत्र के पहले चरण का अंतिम कामकाजी दिन है। वक़्फ़ संशोधन बिल पर गठित JPC की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी। 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकृति मिली थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के सुझाव शामिल किए गए थे। विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह वक़्फ़ बोर्डों को कमजोर करने की साजिश है।

विधेयक में 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव

पिछले वर्ष अगस्त में लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक को भाजपा ने वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और आधुनिकता लाने वाला बताया है। समिति ने भाजपा सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक वक़्फ़ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने और मुस्लिम धार्मिक संस्थानों के अधिकार सीमित करने की कोशिश है।

जेपीसी को आठ अगस्त, 2024 को सौंपा गया था विधेयक

वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में पेश किया था, जिसके बाद इसे आठ अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक़्फ़ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना और वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन एवं विनियमन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना है।

आज संसद में इन दोनों विधेयकों को लेकर तीखी बहस और हंगामे की संभावना है। विपक्षी दल सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगा सकते हैं, जबकि सरकार अपनी नीतियों को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला करार देगी। ऐसे में संसद में होने वाली बहस पर पूरे देश की नजरें टिकी रहेंगी।

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