दुखद: झोपड़ी में लगी आग, जिंदा जलीं दो मासूम, बुझने पर मिले सिर्फ कंकाल, पास बंधी 28 बकरियां भी बनीं काल का ग्रास

दुखद - झोपड़ी में लगी आग, जिंदा जलीं दो मासूम, बुझने पर मिले सिर्फ कंकाल, पास बंधी 28 बकरियां भी बनीं काल का ग्रास
| Updated on: 27-Apr-2022 12:14 PM IST
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में अरूप नगर की माया कॉलोनी में बनी एक झुग्गी झोपड़ी में दोपहर सवा 12 बजे आग लग गई। इससे अंदर सो रही तीन और आठ साल की दो सगी बहनें जिंदा जल गईं। हादसा इतना भयानक था कि आग बुझने के बाद दोनों बच्चियों की केवल हड्डियां ही शेष रह गईं।

मृतक बच्चियों की शिनाख्त शारदा (03 वर्ष) और राधिका (08 वर्ष) के रूप में हुई है। यही नहीं आगजनी में झोपड़ी के साथ बंधी 28 बकरियां भी काल का ग्रास बन गईं। आग लगने का कारण झोपड़ी के साथ बना चूल्हा बताया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि सुबह खाना बनाने के बाद चूल्हे में आग रह गई थी, जो तेज हवा के कारण भीषण हादसे का सबब बन गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए एलएनजेपी अस्पताल भेज दिया है। 

घटनाक्रम के अनुसार शाहाबाद गुमटी रोड पर अरूप नगर के पास माया कॉलोनी में कोशी और लक्ष्मी की झोपड़ी थी। मेहनत मजदूरी के साथ ही उन्होंने बकरियां भी पाल रखी थी। बताया जा रहा है कि रोजाना की तरह सोमवार की सुबह घर का काम निपटाने के बाद कोशी और उसकी पत्नी लक्ष्मी रेलवे स्टेशन पर मजदूरी के लिए गए थे।

इस दौरान झोपड़ी में उनकी दोनों बेटियां शारदा और राधिका सो रही थीं, जबकि छह वर्षीय बेटा सन्नी अंदर खेल रहा था। झोपड़ी के पास ही उनकी करीब 28 बकरियां भी थीं। दोपहर करीब सवा बारह बजे अचानक झोपड़ी में आग लग गई। लपटें देखकर अंदर खेल रहा सन्नी भागकर बाहर आ गया, लेकिन दोनों बच्चियां अंदर ही सोई रह गईं। इससे पहले कोई कुछ कर पाता, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

लपटें उठती देखकर आस-पास के घरों के लोग एकत्रित हुए और पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आसपास के लोगों ने फायर ब्रिगेड, पुलिस व प्रशासन को भी घटना की सूचना दी। फायर ब्रिगेड के आने तक हेल्पिंग हैंड के सदस्य और अन्य लोग आग बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

जब तक फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू किया, तब तक अंदर सो रही दोनों बच्चियां जिंदा जल चुकी थीं। वहीं पास में बंधी 28 बकरियां भी आग की भेंट चढ़ गईं। सूचना मिलने पर कोशी और लक्ष्मी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक सब कुछ जलकर खत्म हो चुका था। एचएसवीपी चौकी प्रभारी जसबीर सिंह ने मामले की सूचना प्रशासन को दी। एंबुलेंस के कर्मचारी लाडी व राकेश चौधरी ने दोनों शवों को कपड़े में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए एलएनजेपी अस्पताल रवाना किया। 

ढाई साल से शाहाबाद में रह रहा परिवार

कोशी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है, लेकिन पिछले तीन वर्ष से माया कॉलोनी में रह रहा था। यहां अनाज मंडी व अन्य जगह पर परिवार मेहनत-मजदूरी करता है। गुजर बसर के लिए परिवार ने बकरियां भी पाल रखी थी। 

आग के कारण की नहीं हो सकी पुष्टि

झोपड़ी में लगी आग का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। आशंका जताई जा रही है कि झोपड़ी के साथ बने कच्चे चूल्हे की चिंगारी आग की वजह बनी होगी। वहीं आग की घटना को शार्ट सर्किट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। शाहाबाद थाना प्रबंधक राकेश राणा के अनुसार आग के कारण की पड़ताल की जा रही है। मामले में पुलिस ने इत्तेफाकिया रिपोर्ट दर्ज करके शवों का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

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