देश: सरकार की इस स्कीम के तहत मिल रहे सिर्फ 1 रु. में सैनेटरी नैपकीन, अभी तक बिक चुके 4.61 करोड़

देश - सरकार की इस स्कीम के तहत मिल रहे सिर्फ 1 रु. में सैनेटरी नैपकीन, अभी तक बिक चुके 4.61 करोड़
| Updated on: 18-Jun-2020 09:32 AM IST
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान महिलाओं की समस्या को देखते हुए सामाजिक अभियान के तहत देशभर में 6300 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों (PMBJP Kendras) में सैनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराए हैं। इन नैपकीन की कीमत बाजार मूल्य से बेहद ही कम रखी गई है। जनऔषधि केन्द्रों पर ये नैपकिन मात्र 1 रुपये में मिल रहे हैं। अगर देखा जाए तो ये सैनेटरी नैपकीन (Sanitary Napkin) बाजार में 8 रुपये प्रति पैड मिलता है। देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को इस तरह की समस्या का लगातार सामना करना पड़ रहा था।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर 4 जून 2018 को 'जनऔषधि सुविधा ऑक्सो-बॉयोडिग्रेडेबल सैनेटरी नैपकिन' लॉन्च करने की घोषणा की थी।


अभी तक बिक चुके 4.61 करोड़ सैनेटरी नैपकीन

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों की स्थापना (4 जून 2018) के बाद से 10 जून, 2020 तक इन केन्द्रों के जरिए 4।61 करोड़ पैड बेचे जा चुके हैं। सरकार ने 27 अगस्त 2019 को नैपकीन की कीमत घटाकर एक रुपये कर दी थी जिसके बाद से 3।43 करोड़ से अधिक पैड बेचे गए हैं। देश के कई हिस्से खासकर ग्रामीण क्षेत्र आज भी ऐसे हैं जहां लड़कियों और महिलाओं को सैनेटरी नैपकीन मिलने में काफी दिक्कतें होती हैं और मार्केट में कीमत इतनी ज्यादा होती है कि इन्हें खरीदने में वो असमर्थ होती हैं। सरकार की इस पहल ने वंचित महिलाओं के लिए स्वच्छ, स्वस्थ और बेहतर सुविधा सुनिश्चित की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है। सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण के अनुकूल हैं, क्योंकि ये पैड ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सामग्री के साथ बनाए जाते हैं और इनका परीक्षण एएसटीएम डी -6954 (बायोडिग्रेडेबिलिटी टेस्ट) मानकों पर किया जाता है। प्रधानमंत्री भारतीय जनधन योजना के तहत ये पैड 1 / - प्रति पैड के हिसाब से बेचे जा रहे हैं।


ऑक्सो-बॉयोडिग्रेडेबल सामग्री से बने हैं पैड

सैनेटरी नैपकिन पर्यावरण के अनुकूल हैं, क्योंकि ये जैविक रूप से नष्ट हो जाने वाली ऑक्सो-बॉयोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाए जाते हैं। इसका परीक्षण एएसटीएम डी-6954 मानकों पर किया जाता है। प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र कोविड-19 के प्रकोप के इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और लोगों को सस्ती दरों पर जरूरी दवाओं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं।

कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र (PMBJP Kendras) पर दवाओं और आवश्यक चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सरकार ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों में यह सुविधा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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