US-China Relations: अमेरिकी फंड से चीनी सेना को मिल रहा फायदा? संसद की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
US-China Relations - अमेरिकी फंड से चीनी सेना को मिल रहा फायदा? संसद की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
अमेरिका और चीन के रिश्ते हमेशा से जटिल रहे हैं, जहाँ व्यापार और टैरिफ को लेकर लगातार तनाव बना रहता है। लेकिन अमेरिकी संसद की एक नई रिपोर्ट ने इन रिश्तों। की एक और हैरान कर देने वाली परत खोल दी है। हाउस सिलेक्ट कमेटी ऑन द CCP की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग (DoD) अनजाने में उन चीनी शोध संस्थानों को फंड कर रहा है जिनका सीधा संबंध चीन की सेना से है।
ब्लैकलिस्टेड संस्थानों को भी मदद
रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कई ऐसे संस्थान, जो अमेरिकी ब्लैकलिस्ट में हैं और जिनसे किसी भी तरह का आधिकारिक सहयोग अपेक्षित नहीं है, उन्हें भी अमेरिकी फंड मिल रहा है और 2023 से 2025 के बीच 700 से अधिक ऐसे रिसर्च पेपर मिले जिन्हें अमेरिकी फंडिंग मिली, लेकिन उनमें चीन के रक्षा से जुड़े वैज्ञानिक भी शामिल थे। यह स्थिति अमेरिकी एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी और मौजूदा कानूनों के कमजोर प्रवर्तन को दर्शाती है।शोध साझा करने का गंभीर निहितार्थ
रिपोर्ट का शीर्षक 'मुरगी के दड़बे में लोमड़ी' इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। कुछ लोग तर्क देते हैं कि अगर चीनी वैज्ञानिक शोध परिणामों को वैसे भी पढ़ सकते हैं, तो सह-लेखन में क्या बुराई है। हालांकि, साझा रिसर्च में केवल अंतिम परिणाम ही नहीं, बल्कि रिसर्च के तरीके, उपयोग किया गया डेटा और एक्सपेरिमेंट की बारीकियाँ भी साझा होती हैं। यह अंदरूनी जानकारी चीन की सेना के लिए बेहद मूल्यवान साबित हो सकती है, खासकर ड्रोन, साइबर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।चीन को प्रत्यक्ष लाभ
एक उदाहरण के तौर पर, 2025 में अमेरिकी नौसेना ने 'स्वॉर्म मिशन प्लानिंग'। पर एक प्रोजेक्ट को फंड किया, जिसमें ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शोध शामिल था। यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास और चीन के एक ऐसे विश्वविद्यालय ने मिलकर की जो 2001 से अमेरिकी ब्लैकलिस्ट में था और इससे चीन को न केवल रिसर्च के परिणाम मिले, बल्कि पूरी रिसर्च प्रक्रिया की गहरी जानकारी भी मिली, जो सीधे उसकी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा सकती है। कुल मिलाकर, अमेरिकी करदाताओं का पैसा अनजाने में चीन की सैन्य शक्ति को मजबूत कर रहा है।