Zoom News : Feb 01, 2023, 10:53 PM
नई दिल्ली। माला सिन्हा (माला सिन्हा) ने हिंदी के अलावा बंगाली और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है। वह अपने सागरने की बेहद बेखौफ, बेबाक और बोल्ड एक्ट्रेस में गिनी जाती हैं। अपने करियर में उन्होंने अशोक कुमार से लेकर अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के साथ कई हिट फिल्में दी हैं। 40 साल तक उद्योग जगत में यादगार ने काम किया। वह जहां अपनी विश्वसनीयता और दृष्टिकोण अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेती थीं। वहीं उनकी नखरें बॉलीवुड में फेमस थीं। कहा जाता है कि जब उनका करियर चरम पर था तो उन्होंने एक सेब के लिए शूटिंग सेट पर काफी तमाशा खड़ा कर दिया था। आज के बाजार के होश से एक सेब की कीमत 5 रुपये है। ऐसे में उन्हें देखकर डायरेक्टर रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के पसीने छूट गए थे. सुबह सवेरे उठे लेकिन उन्होंने नहीं देखा.. विस्तार से जानें इसके बारे में विस्तार से…कहा जाता है कि टमाटर सिन्हा को शूटिंग से पहले सेब खाने की आदत थी। वह बिना सेबे शूटिंग शुरू नहीं करते थे। कहा जाता है कि भले ही सुबह का शेड्यूल बदल जाए, लेकिन जब तक उन्हें सेब नहीं दिया जाता तब तक वह शूटिंग नहीं करते थे। एक बार ऐसा ही वाकया फिल्म निर्माता रामानंद सागर की एक फिल्म की शूटिंग के दौरान घटाया गया था। जब एक सेब नहीं मिलने पर सिन्हा ने पूरे दिन की शूटिंग रुकवा दी थी। शूटिंग से इनकार करने के बावजूद उन्होंने तैयार होने से इनकार कर दिया था। यह घटना फिल्म 'गीत' के सेट पर हुई थी। यहां तक कि रामानंद सागर ने सुबह से लेकर शाम तक इंतजार किया लेकिन अभिनेत्री ने अपने मेकअप रूम से बाहर ही नहीं निकलीं।मेकअप रूम में एक सेब चाहते थेइस तथ्य का उल्लेख रामानंद सागर की बायोपिक में किया गया है। उस किताब के मुताबिक, 'फिल्म इंडस्ट्री में किसी सुपरस्टार के साथ काम करने के लिए उनकी छोटी-छोटी चाहत पूरी तरह से जानी चाहिए और इस डील का हिस्सा होना चाहिए। निर्मला सिन्हा हर दिन अपने मेकअप रूम में एक सेब चाहती थीं. शूटिंग तब तक शुरू नहीं होती जब तक सेब नहीं पहुंच जाता। कभी-कभी उत्पादन में लोगों की परेशानी के कारण सेब की नाराजगी में कुछ देर की देरी हो जाती थी, लेकिन उत्पादन सेट पर नहीं आते थे। एक दिन के 'गीत' के सेट पर सुबह 4 बजे अलग-अलग नंबर दिए गए। लेकिन वह अपने मेकअप रूम में जाकर तैयार बैठी रही। 'सेब न लाकर सेब का महत्व कम कर दियाजब रामानंद जी उनके पास गए, तो उन्होंने देखा कि पद्मा सिन्हा एक सेब का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने सुबह ही अनुरोध किया था। किताब के मुताबिक उनका कहना था कि प्रोडक्शन इंचार्ज ने सेब न लाकर सेब का महत्व कम कर दिया। माला सिन्हा ने रामानंद सागर के साथ फिल्म 'गीत' और 'आंखें' जैसी फिल्मों में काम किया था। इसी वजह से रामानंद सागर की खाने की आदत से वाकिफ थे।माला अब फिल्मों से दूर हैं।आपको बता दें कि माला ने 1946 में जय वैष्णो देवी’ नामक एक बंगाली फिल्म में एक बाल कलाकार के रूप में अभिनय की शुरुआत की। साल 1954 में उन्होंने हिंदी सिनेमा में 'हेमलेट' फिल्म शुरू की और धीरे-धीरे उन्हें कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। इसके बाद वह एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के रूप में उभरीं लेकिन अब वह फिल्मों से दूर हैं।