मोबाइल गेम / पिता के फोन छिनने से 13 साल का बेटा हुआ नाराज, कमरे में जाकर लगा ली फांसी, मौत

पुलवामा जिले के कासबयार गांव में एक 13 साल का बच्चा काफी देर से अपने मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था. पिता ने उसे फोन छोड़कर भोजन करने के लिए कहा. लेकिन जब वह नहीं माना तो पिता ने उसके हाथों से मोबाइल फोन छीन लिया और खुद नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में चले गए. जब वे वापस लौटे तो उन्हें बेटा कहीं दिखाई नहीं दिया. वे उसे आवाज देते हुए घर के पीछे गए तो उन्हें अपने मकान की पिछली खिड़की में से बेटा कमरे में पंखे पर लटकता हुआ दि

श्रीनगर: अगर आपका बच्चा हर समय मोबाइल फोन में लगा रहता है तो वक्त रहते उसकी ये आदत बदल दीजिए. ऐसा न करने पर आपको एक दिन पछताना पड़ सकता है. जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां काफी देर से मोबाइल पर गेम (Mobile Game) खेल रहे बच्चे से उसके पिता ने फोन ले लिया तो उसने अपने कमरे पर जाकर आत्महत्या कर ली जानकारी के मुताबिक कश्मीर के पुलवामा जिले के कासबयार गांव में एक 13 साल का बच्चा काफी देर से अपने मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था. पिता ने उसे फोन छोड़कर भोजन करने के लिए कहा. लेकिन जब वह नहीं माना तो पिता ने उसके हाथों से मोबाइल फोन छीन लिया और खुद नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में चले गए. जब वे वापस लौटे तो उन्हें बेटा कहीं दिखाई नहीं दिया. वे उसे आवाज देते हुए घर के पीछे गए तो उन्हें अपने मकान की पिछली खिड़की में से बेटा कमरे में पंखे पर लटकता हुआ दिखाई दिया.


वे तुरंत मकान में पहुंचे और बेटे को नीचे उतारकर और जल्द से जल्द उसे बिराजपुरा के अस्पताल में लेकर पहुंच गए. यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. बेटे के अचानक चले जाने से अब घर में कोहराम मचा हुआ है. बच्चे की मां का रो- रोकर बुरा हाल है. पड़ोसी और रिश्तेदार बच्चे के घर आकर उनके मां- बाप को सांत्वना दे रहे हैं. लेकिन मां-बाप सदमे में है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि छोटी सी उम्र में बेटे ने ऐसा कदम उठाने के बारे में कैसे सोच लिया.

वहीं मृतक बच्चे के एक रिश्तेदार ने कहा कि उसकी मौत के लिए हम सब ही दोषी हैं. बच्चे को फोन की इतनी लत लग गई थी कि वह उसके बिना थोड़ी देर भी नहीं रहता था. जब पिता ने फोन छीना तो उसे यह बात बुरी लग गई और उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया. रिश्तेदार ने कहा कि यदि हम बच्चे के हाथ में फोन की जगह किताब देते और ऑनलाइन गेम्स की जगह मैदान में उन्हें वास्तविक खेल खिलाते तो वह बच्चा शायद जीवित होता