China News / चीन के अन्दर मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर 51 देश हुए एकजुट, UN में सामने आया संयुक्त बयान

चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जो जुल्म किए जा रहे हैं, वह जग जाहिर हैं। सारी दुनिया जानती है कि चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ क्या व्यवहार किया जा रहा है। इसी बीच चीन में उइगर मुसलमानों पर चीन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक संयुक्त बयान सामने आया है। चीन के मुस्लिमों पर किए जा रहे इन अत्याचारों पर 51 देश एकजुट हुए हैं। इन 51 देशों ने चीन के खिलाफ अपने हस्ताक्षर किए हैं।

China News: चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जो जुल्म किए जा रहे हैं, वह जग जाहिर हैं। सारी दुनिया जानती है कि चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ क्या व्यवहार किया जा रहा है। इसी बीच चीन में उइगर मुसलमानों पर चीन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक संयुक्त बयान सामने आया है। चीन के मुस्लिमों पर किए जा रहे इन अत्याचारों पर 51 देश एकजुट हुए हैं। इन 51 देशों ने चीन के खिलाफ अपने हस्ताक्षर किए हैं। 

यूएन की थर्ड कमेटी का काम मानवाधिकारों के मुद्दे पर काम करना हैं। इसी कमेटी ने चीन सरकार द्वारा इस विशेष धर्म के खिलाफ यातनाओं पर यह एक्‍शन लिया है। पड़ोसी देश चीन में मुसलमानों की क्‍या स्थिति है यह किसी से छिपा नहीं है। दरअसल, चीन उइगर मुस्लिमोंपर अपने धर्म का पालन करने के विरोध में तरह तरह की पाबंदियां लगाता है।

किन देशों ने किए चीन के खिलाफ संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर?

कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, जापान, अमेरिका, इंग्‍लैंड सहित अन्‍य राज्‍यों ने यूएन के इस इस संयुक्‍त बयान पर साइन किए हैं। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम रहते हैं। उइगर एक्टिविस्‍ट का कहना है कि चीनी शासन ने उइगर और अन्य मुख्य रूप से मुस्लिम समुदायों पर निरंतर अत्‍याचार किए हैं। शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुसलमानों को पूर्वी तुर्किस्तान के मुस्लिम भी कहा जाता है।

पाकिस्‍तान का क्या है रुख?

जिन 51 देशों ने इसपर हस्‍ताक्षर किया है उसमें पाकिस्तान का नाम नहीं है। यह पाकिस्तान दुनियाभर में मुस्लिमों के अधिकारों पर अपनी बात रखता है, ले​किन चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों पर कुछ कहने की हिमाकत नहीं रखता है। जबकि पाकिस्तान पूरी तरह से इस्लामिक देश है। हालांकि भारत का इस मुद्दे पर यह स्टैंड है कि भारत किसी भी देश के आं​तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर चलता है। भारत खुद भी नहीं चाहता कि कोई उनकी संप्रभुता पर उंगली उठाए और भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करे।