देश / 84 वर्षीय बुज़ुर्ग बने कोविड-19 ऐंटीबॉडी कॉकटेल लेने वाले पहले भारतीय

Zoom News : May 27, 2021, 07:25 AM
नई दिल्ली: कोरोना की एक नई दवा की अब भारत में भी एंट्री हो गई है। दवा का यह कॉकटेल भारत के पहले कोरोना मरीज हरियाणा के 84 वर्षीय मोहब्बत सिंह को दी गई। जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना से संक्रमित हुए थे तो उन्हें भी यह दवा दी गई थी।

जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में पिछले पांच दिनों से कोरोना का इलाज करा रहे मोहब्बत सिंह को करीब 30 मिनट तक यह दवा दी गई। यह दवा Casirivimab और  Imdevimab का कॉकटेल है और इसे कोरोना के कुछ रोगियों के इलाज में सफल माना जाता है। यह दवा लक्षण अवधि को कम करता है और तेजी से एंटीबॉडी बनाकर वायरल लोड को भी कम करता है।

दो एंटीबॉडी Casirivimab  और Imdevimab के साथ रोश दवा का पहला बैच सोमवार को भारत पहुंचा। यह दवा कोरोना ठीक करने वाले प्लाज्मा से अलग है और रेमडेसिविर या टोसीलिज़ुमैब जैसी दवाओं से पूरी तरह से अलग है। स्टडी से पता चलता है कि इस दवा को लेने वाले 80 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और इसने लक्षणों की अवधि को कम करने के अलावा डेथ रेट को भी कम किया।

 पिछले साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब कोरोना वायरस पॉजिटिव हुए थे तब उनके इलाज में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का इस्तेमाल किया गया था। इस दवा का असर ऐसा था कि एक सप्ताह के भीतर वह काम पर वापस आ गए थे। सिप्ला अस्पतालों में 59,000 रुपये प्रति खुराक की अनुमानित कीमत पर दवा की मार्केटिंग कर रही है। कोरोना के इलाज में इस दवा केवल एक खुराक की जरूरत है।

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