- भारत,
- 17-Jun-2025 06:00 PM IST
- (, अपडेटेड 17-Jun-2025 02:44 PM IST)
T1 Smartphone: ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने हाल ही में एक चौंकाने वाला ऐलान किया है—अब वह मोबाइल फोन सर्विस की दुनिया में कदम रख रही है और इसके साथ ही एक नया स्मार्टफोन, T1 फोन, लॉन्च करने जा रही है। इसकी कीमत $499 (लगभग ₹41,000) रखी गई है और कंपनी का दावा है कि इसमें ऐसे फीचर्स होंगे जो एपल के टॉप iPhone मॉडल को भी पीछे छोड़ सकते हैं।
T1 फोन: डिज़ाइन अमेरिकी, निर्माण संदेहास्पद
वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, T1 फोन को अमेरिका में डिज़ाइन किया गया है और इसका निर्माण अलबामा, कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में किया जाएगा। लेकिन ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप के बयान से इस दावे में विरोधाभास झलकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शुरुआती बैच अमेरिकी नहीं होंगे, बल्कि बाहरी देशों से मंगवाए जाएंगे। अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग का सपना अभी भविष्य की बात है।
अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग: एक मुश्किल रास्ता
अमेरिका में स्मार्टफोन बनाना आसान नहीं है। अप्रैल में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा चीन पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद, एक्सपर्ट्स ने चेताया कि अमेरिका को चीन जैसे मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की बराबरी करने में सालों और अरबों डॉलर लग सकते हैं। लेबर, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंपोनेंट्स की लागत अमेरिका में बेहद अधिक है।
Johns Hopkins यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Tinglong Dai का कहना है कि अमेरिका में फिलहाल स्क्रीन, बैटरी, कैमरा, मेमोरी जैसे कॉम्प्लेक्स कंपोनेंट्स बनाना लगभग असंभव है। उनका अनुमान है कि अमेरिका को एक सक्षम उत्पादन ढांचा तैयार करने में कम से कम 5 साल लगेंगे।
T1 फोन: क्या वाकई iPhone से बेहतर है?
ट्रंप ऑर्गनाइजेशन का दावा है कि T1 फोन में कुछ ऐसे फीचर्स होंगे जो Apple iPhone 16 से भी बेहतर होंगे:
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डिस्प्ले: 6.8-इंच की AMOLED स्क्रीन, 120Hz रिफ्रेश रेट (iPhone 16 के बराबर)
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बैटरी: 5000mAh (iPhone 16 Pro Max में 4676mAh)
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रैम: 12GB (iPhone में अधिकतम 8GB)
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स्टोरेज: 256GB + एक्सपैंडेबल स्लॉट (Apple में नहीं मिलता)
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कैमरा: 50MP रियर, 16MP फ्रंट (iPhone में 48MP तक)
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3.5mm हेडफोन जैक: जिसे Apple ने 2017 में हटा दिया था
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इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर: Apple आज भी नहीं देता
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प्रोसेसर: अभी अज्ञात, लेकिन दमदार होने का दावा
"Made in USA" की हकीकत
हालांकि T1 फोन का स्पेसिफिकेशन वाकई प्रभावशाली है, लेकिन "Made in USA" की टैगलाइन अभी सिर्फ एक मार्केटिंग वादा लगती है। शुरुआती फोन्स के चीन या ताइवान से बने आने की संभावना अधिक है, क्योंकि इतने फीचर्स उस बजट में देना अमेरिका में संभव नहीं।
वादा बड़ा है, पर राह कठिन
T1 फोन ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की टेक्नोलॉजी में नई एंट्री का साहसी कदम है। यह अमेरिकी आत्मनिर्भरता के नारे से जुड़ा हुआ जरूर है, लेकिन मौजूदा वैश्विक सप्लाई चेन डोमिनेंस और अमेरिकी निर्माण क्षमता की सीमाएं इस सपने को फिलहाल पूरा नहीं होने देतीं।