क्रिकेट / 293 पर आउट होने के बाद सहवाग ने कहा था कि उन्हें द्रविड़ की नहीं सुननी चाहिए थी: मुरलीधरन

Zoom News : Aug 21, 2021, 02:42 PM
नई दिल्ली: भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग  अपनी धुंआधार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। सहवाग ने अपने क्रिकेट जीवन में कई विस्फोटक पारियां खेलीं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में दो तिहरे शतक जमाए हैं। वीरू के पास 2009 में श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर के तीसरे तिहरे शतक से मात्र 7 रन से चूक गए थे। इस टेस्ट मैच को लेकर महान श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने उस टेस्ट मैच और सहवाग की उस शानदार पारी को याद करते हुए कहा कि सहवाग ने उनसे कहा था कि उन्हें राहुल द्रविड़ की बात नहीं सुननी चाहिए थी और इसके बजाय अपना तिहरा शतक पूरा करने के लिए कोशिश करनी चाहिए थी।

ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए इस महान स्पिनर ने कहा, 'मुझे याद है कि वे मुंबई में हमारे खिलाफ 290 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था और मुझे लगता है कि द्रविड़ ने ही उन्हें रुकने के लिए कहा था कि वे अगले दिन 300 रन बना सकते हैं। अगली सुबह उसने टैप करने की कोशिश की, लेकिन कॉट एंड बोल्ड हो गए।' उन्होंने मुझसे कहा, 'मुझे राहुल की कभी नहीं सुननी चाहिए थी और इसके के बजाय आउट हो गया।' 

मुरली ने आगे कहा, 'सहवाग मेरी गेंदों को पढ़ और समझ सकते थे। वे कहते हैं कि वे मुझे नहीं समझते थे लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि सहवाग मेरी गेंदों को दूसरे बल्लेबाजों की तुलना में अलग तरीके से खेलते थे। मैंने कई बार कहा है कि वे खतरनाक बल्लेबाज थे।'

ये वाकया भारत और श्रीलंका के बीच 2009 में खेले गए तीसरे टेस्ट का है। पहली पारी में श्रीलंकाई 393 रनों पर ऑलआउट हो गया था। दूसरे दिन के खत्म होने के बाद सहवाग 283 रन बना कर नाबाद लौटे। उम्मीद थी कि सहवाग तीसरे दिन जल्द ही अपना तीसरा तिहरा शतक पूरा करेंगे, लेकिन मुरलीधरन की गेंद पर सिंगल लेने की कोशिश में वह 293 पर आउट हो गए। सहवाग ने अपना पहला टेस्ट तिहरा शतक 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान के मैदान में सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का लगाकर तिहरा शतक पूरा किया। सहवाग ने अपने 104 टेस्ट मैचों के टेस्ट करियर में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए हैं।

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