Agnipath Protest / 'अग्निपथ' से पहले कई बार विरोध प्रदर्शन की भेंट चढ़ा रेलवे, 6 साल में करोड़ों स्वाहा

Zoom News : Jun 19, 2022, 10:04 PM
Agnipath Protest Railway Damage: केंद्र द्वारा सेना में भर्ती के लिए लांच की गई अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के कई राज्यों में युवाओं का धरना प्रदर्शन जारी है. इतिहास गवाह है जब भी लोगों ने किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन किया है.. तब-तब प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का ठीकरा सार्वजनिक संपत्तियों पर फूटा है. इन्हीं सार्वजनिक संपत्तियों में से एक रेलवे भी है. रेलवे लगातार प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार होता रहा है. धरना प्रदर्शन के कारण पिछले 6 सालों में ही देश की रेलवे को करीब 5000 करोड़ के मालभाड़े का नुकसान हो चुका है. 

पिछले 6 सालों में 4736 करोड़ का नुकसान  

रेलवे मंत्रालय ने सदन को बताया था कि रेलवे प्लेटफार्म और ट्रैक पर प्रदर्शन की रेलवे को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. पिछले 6 सालों में रेलवे ने सिर्फ मालभाड़े में 4736 करोड़ का नुकसान झेला है. रेलवे की संपत्तियों के नुकसान के साथ अगर यात्री भाड़े को भी जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा कहीं ज्यादा होगा. पिछले कुछ सालों में रेलवे को नुकसान पहुंचाना खतरनाक ट्रेंड भी बनता जा रहा है. 2015-16 से 2017-18 के बीच के 3 सालों में कुल 1846 करोड़ के मालभाड़े का  नुकसान हुआ था. वहीं, 2018-19 से 2020-21 के तीन सालों में ये डेढ़ गुना बढ़कर 2890 करोड़ तक पहुंच गया है.  

500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान  

सूत्रों के अनुसार अग्निपथ के विरोध में जारी प्रदर्शनों के कारण अब तक करीब 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान सिर्फ रेलवे को पहुंचा है. आगजनी के कारण रेलवे को देश भर में करीब 100 कोच का नुकसान हुआ है. एक कोच की अनुमानित लागत करीब 2 करोड़ होती है. यानी करीब 200 करोड़ के रेलवे कोच स्वाहा हो गए हैं. इसके अलावा रेलवे के 7 इंजन भी जले हैं. प्रत्येक इंजन की कीमत तकरीबन 15 करोड़ होती है. अभी तक कुल मिलाकर 105 करोड़ रुपए के ईंजन भी जले हैं.  रेल ट्रैक और रेलवे स्टेशन को करीब 200 करोड़ का नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है. हालांकि इस नुकसान में अभी रेलवे को ट्रेन रद्द करने के कारण होने वाले यात्री भाड़े और मालभाड़े के नुकसान का अभी अंदाजा नहीं लग सका है.  

अब तक 500 से ज्यादा ट्रेनें रद्द 

शनिवार को रेलवे ने 369 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया. जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे पहले शुक्रवार को भी 200 से ज्यादा ट्रेनों को रद्ध करना पड़ा था. ‘अग्निपथ’ के खिलाफ आंदोलन कर्नाटक और केरल सहित दक्षिणी राज्यों में भी फैल गया है.  

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