दिशा सालियान- SSR DEATH CASE: / 5 बड़े सवालों के जवाब जिनका सब कर रहे थे इंतजार

News18 : Aug 20, 2020, 06:35 AM
मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत (SSR Death Case) और दिशा सालियान (Disha Saliyan) की मौतों को लेकर कई तरह के सवाल सोशल मीडिया (Social Media) पर तैर रहे हैं। बुधवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने सुशांत के केस में सीबीआई जांच को सही ठहराया है। इसे महाराष्ट्र को कोर्ट की तरफ से मिले बड़े झटके के रूप में प्रचारित भी किया जा रहा है। जल्द ही सुशांत केस में सीबीआई जांच शुरू हो जाएगी लेकिन इस दौरान उठे सवालों के जवाब तलाशे जाते रहेंगे। आइए जानते हैं ऐसे ही कई बड़े सवालों के जवाब-

1- दिशा सालियाना की मौत 9 जून सुबह दो बजे हुई लेकिन पोस्ट मॉर्टम 11 जून को क्यों हुआ?

दिशा सालियान की मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर उनकी मौत 9 जून की सुबह 2 बजे हुई थी तो फिर पोस्टमॉर्टम के लिए एक दिन का इंतजार क्यों किया गया? मुंबई पुलिस के मुताबिक इस वक्त किसी भी डेड बॉडी का पोस्ट मॉर्टम करने के पहले कोविड टेस्ट अनिवार्य है। दिशा की मौत के बाद भी उनकी डेडबॉडी तुरंत पोस्टमॉर्टम के लिए भेजी गई लेकिन कोविड टेस्ट की वजह से इसमें एक दिन की देरी हुई। गौरतलब है कि सामान्य तौर पर कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने में 24 से 36 घंटे का वक्त लगता है।

2-सुशांत की डेडबॉडी का पोस्टमॉर्टम रात को क्यों किया गया

ऐसा कोई नियम नहीं है कि रात को किसी डेडबॉडी का पोस्ट मॉर्टम न किया जाए। 2013 के एक सर्कुलर के मुताबिक रात को पोस्ट मॉर्टम किया जाना भी वैध है।

3-क्या रात को सुशांत के पोस्ट मॉर्टम के लिए मजिस्ट्रेट से इजाजत ली गई थी?

किसी डेडबॉडी के पोस्टमॉर्टम के लिए मजिस्ट्रेट की इजाजत की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी जरूरत 176 CrPC के मामलों में पड़ती है। जैसे किसी व्यक्ति की हिरासत में मौत हुई हो तो।

4-क्या सुशांत के पोस्टमॉर्टम के वक्त उनके परिवार का कोई मौजूद था

सुशांत केस में ऑटोप्सी के दौरान अस्पताल में मौजूद रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें याद नहीं कि सुशांत के परिवार का कोई पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद था। पुलिस के पास उनकी बहन के हस्ताक्षर वाला स्टेटमेंट था। बाद में सुशांत के बहनोई, जो हरियाणा में आईपीएस अधिकारी हैं, अस्पताल पहुंचे थे।

5-सामान्य तौर पर असामान्य मौत के मामले में ऑटोप्सी में 2-3घंटे लगते हैं, सुशांत के केस में सिर्फ 90 मिनट लगे

सामान्य तौर पर किसी पोस्ट मॉर्टम में एक घंटे का वक्त लगता है। लेकिन इसकी कोई निर्धारित समयसीमा नहीं है। सुशांत के मामले में पोस्टमॉर्टम में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगा।

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