Zoom News : Sep 19, 2019, 05:12 PM
नई दिल्ली | पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली की अदालत में कहा कि तिहाड़ जेल में उनके पास न तो कुर्सी थी और न ही एक तकिया था। ऐसे में उनकी कमर का दर्द बढ़ गया। वकीलों के अनुसार उनकी चिकित्सकीय जांच की याचिका भी दायर की गई है। अदालत ने उनकी हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। 74 वर्षीय चिदंबरम ने कहा, "कमरे के बाहर कुर्सियां थीं, मैं दिन भर वहीं बैठा रहता था, अब वह भी वापस हटा ली गई हैं। क्योंकि मैं इसका इस्तेमाल कर रहा था, उन्होंने इसे निकाल लिया है। अब तो वार्डन भी बिना कुर्सी के हैं।" कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी रिहाई के लिए यह दलील दी है। सिंघवी ने कहा, "उनके पास तीन दिन पहले तक एक कुर्सी थी। अब न तो कुर्सी है और न ही तकिया है।"
सरकार ने कहा कि सेल में कोई कुर्सी नहीं थी।
सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "यह एक छोटा मुद्दा है। इसे सनसनीखेज बनाने की जरूरत नहीं है। शुरुआत से ही उनके कमरे में कोई कुर्सी नहीं थी।"
चिदंबरम की कानूनी टीम ने सुनवाई की अगली तारीख के रूप में 3 अक्टूबर को न्यायाधीश के सेट का विरोध किया। कपिल सिब्बल ने कहा, "कस्टडी को यंत्रवत् बढ़ाया नहीं जा सकता। इसका आधार क्या है।
सिंघवी ने विभिन्न निर्णयों का उल्लेख किया जहां अदालत ने कहा था कि हिरासत को यांत्रिक रूप से नहीं बल्कि वैध आधार पर बढ़ाया जाना चाहिए। जबकि चिदंबरम पहले ही 14 दिन की पुलिस रिमांड और 14 दिन की न्यायिक रिमांड पूरी कर चुके हैं। उन्होंने एम्स या आरएमएल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण का भी आग्रह किया।
चिदंबरम पर देश के वित्त मंत्री के रूप में हस्ताक्षर करने का आरोप है, 2007 में कंपनी INX मीडिया में विदेशी निधियों का एक बड़ा संग्रह। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए किकबैक प्राप्त करने का आरोप है।