Muhammad Yunus: बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जब शेख हसीना प्रधानमंत्री थीं, तब भी देश में हिंसक घटनाएं देखने को मिली थीं, और अब जब वे देश छोड़ चुकी हैं, तब भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अंतरिम सरकार ने देशभर में हो रही तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। इससे पहले, सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषण को हिंसा भड़काने वाला करार दिया था।
सरकार का सख्त रुख
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की प्रेस शाखा ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी। बयान में कहा गया, "कुछ लोग और समूह विभिन्न प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ऐसी गतिविधियों को सख्ती से रोकेगी और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।" सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शेख हसीना को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले, अंतरिम सरकार ने यह कहा था कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी आवास को ध्वस्त किया जाना अवांछनीय था, लेकिन ऐसा शेख हसीना के भारत से दिए गए भाषण के कारण हुआ। सरकार ने इसे भड़काऊ करार देते हुए कहा कि उनके शब्दों ने जनता को हिंसा के लिए उकसाया।
शेख हसीना का बयान
शेख हसीना ने अपने संबोधन में कहा था, "वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं मिटा सकते। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।" इस बयान के बाद, बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग पार्टी के कई नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की। साथ ही, संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित स्मारक को भी क्षति पहुंचाई गई और उनके भित्ती चित्रों को नष्ट कर दिया गया। कई स्थानों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं।
स्थिति की गंभीरता
बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। अंतरिम सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हिंसा फैलाने वाले किसी भी तत्व को बख्शेगी नहीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।