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 - 02-Aug-2025 08:40 AM IST
 
Jasprit Bumrah: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की फिटनेस और वर्कलोड मैनेजमेंट का मुद्दा हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर खूब चर्चा में रहा। ओवल स्टेडियम में खेले गए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में बुमराह भारतीय प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे। इसका कारण था उनका वर्कलोड मैनेजमेंट, जिसे लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब एक सख्त और स्पष्ट नीति लागू करने की तैयारी में है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI अब बुमराह को केवल तभी टेस्ट सीरीज के लिए चुनेगा, जब वह पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध हों।
इंग्लैंड दौरे पर बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट बना मुद्दा
इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले ही BCCI ने साफ कर दिया था कि जसप्रीत बुमराह इस सीरीज में सिर्फ तीन टेस्ट खेलेंगे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि वे कौन से तीन टेस्ट होंगे। नतीजा यह हुआ कि मैनचेस्टर टेस्ट में बुमराह ने हिस्सा लिया, लेकिन ओवल टेस्ट में उन्हें आराम दिया गया। यह फैसला इसलिए भी चर्चा में आया क्योंकि ओवल की पिच तेज गेंदबाजों के लिए बेहद अनुकूल थी। बुमराह की गैरमौजूदगी ने न केवल टीम संयोजन को प्रभावित किया, बल्कि चयन समिति के लिए भी सवाल खड़े किए।
BCCI सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट अब बोर्ड के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। बुमराह के खेलने और न खेलने की अनिश्चितता के कारण टेस्ट सीरीज के लिए रणनीति बनाना मुश्किल हो रहा है। इस स्थिति ने BCCI को अपनी मौजूदा नीति की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया है।
BCCI की नई नीति: पूरी सीरीज या कोई सीरीज नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, BCCI अब एक सख्त नीति अपनाने की योजना बना रहा है। इसके तहत जसप्रीत बुमराह को केवल उसी टेस्ट सीरीज में चुना जाएगा, जिसमें वे सभी मैचों के लिए उपलब्ध हों। इस नीति को लागू करने की जिम्मेदारी BCCI की मेडिकल टीम और स्ट्रेंथ-कंडिशनिंग (S&C) कोचिंग स्टाफ पर होगी।
मेडिकल टीम की भूमिका: प्रत्येक टेस्ट सीरीज से पहले मेडिकल टीम को बुमराह की फिटनेस का पूरा आकलन करना होगा और उनकी उपलब्धता की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
S&C टीम की जिम्मेदारी: फिटनेस रिपोर्ट के आधार पर S&C कोच बुमराह के वर्कलोड की सीमा तय करेंगे, ताकि उनकी चोट का जोखिम कम किया जा सके।
इस नीति का मकसद न केवल बुमराह की लंबी अवधि तक फिटनेस सुनिश्चित करना है, बल्कि टीम चयन में पारदर्शिता और स्थिरता लाना भी है।
ओवल टेस्ट में रिलीज, अगली सीरीज में रेस्ट?
ओवल टेस्ट शुरू होते ही BCCI ने जसप्रीत बुमराह को भारतीय स्क्वॉड से रिलीज कर दिया था। इस कदम ने साफ कर दिया कि बोर्ड उनके वर्कलोड को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। फिलहाल, भारतीय टीम को अक्टूबर-नवंबर से पहले कोई टेस्ट सीरीज नहीं खेलनी है। भारत का अगला टेस्ट असाइनमेंट घरेलू सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ होगा, जिसमें दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे। संभावना है कि इस सीरीज में बुमराह को पूरी तरह आराम दिया जा सकता है, ताकि वे आगामी बड़ी सीरीज के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
क्यों जरूरी है बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट?
जसप्रीत बुमराह न केवल भारत के सबसे घातक तेज गेंदबाज हैं, बल्कि विश्व क्रिकेट में भी उनका डंका बजता है। उनकी गति, सटीकता और यॉर्कर ने कई बार भारत को मुश्किल परिस्थितियों में जीत दिलाई है। हालांकि, उनकी फिटनेस का इतिहास चोटों से भरा रहा है। 2019 में स्ट्रेस फ्रैक्चर के बाद से BCCI उनकी फिटनेस को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है। यही वजह है कि वर्कलोड मैनेजमेंट उनके करियर का अहम हिस्सा बन गया है।
भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें
BCCI की नई नीति कागज पर तो ठोस लगती है, लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं होगा। बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ी की अनुपस्थिति हर बार टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, मेडिकल और S&C टीम पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे सटीक आकलन करें। दूसरी ओर, अगर यह नीति सफल रही, तो यह न केवल बुमराह के करियर को लंबा करेगी, बल्कि भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को भी मजबूती देगी।
         