तिरुवनंतपुरम / सबरीमाला मंदिर खुलने से पहले पुलिस ने 10 महिलाओं को उलटे पैर वापस जाने को कहा

Live Hindustan : Nov 16, 2019, 05:07 PM
केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर का पट आज शाम पांच बजे खोल दिया जाएगा लेकिन उससे पहले पुलिस ने 10 महिलाओं को वापस लौटा दिया है जिनकी उम्र 10 से 50 साल के बीच में थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ये सभी महिलाएं मंदिर में पूजा करने के आंध्र प्रदेश से आए थे। लेकिन मंदिर का पट खुलने से पहले ही पुलिस ने इन महिलाओं को वापस भेज दिया है।

मंदिर का पट लगभग तीन महीने, 20 जनवरी तक खुला रहेगा। मंदिर का पट खुलने से पहले कुछ महिला कार्यकर्ताओं की ओर से मंदिर में प्रवेश करने और पूजा करने की धमकी दी गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि उसने महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान नहीं की है, लेकिन कई कार्यकर्ताओं ने मंदिर में प्रवेश करने की अपनी योजना के बारे में बाताया है। हिं

हिदू संगठनों की शीर्ष संस्था सबरीमाला कर्म समिति ने कहा कि अगर वे मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करती हैं उन्हें रोक दिया जाएगा। भूमाता ब्रिगेड के नेता तृप्ती देसाई और चेन्नई स्थित समूह मैनिटि संगम ने मंदिर में पूजा करने की अपनी योजना की घोषणा की है। उनके अलावा, 45 महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्शन के लिए आवेदन किया है।

सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी और तंत्री महेश कंडाराऊ शाम 5 बजे मंदिर का दरवाजा खोलेंगे और तीर्थयात्रियों को दोपहर में मंदिर तक जाने की अनुमति होगी। वहीं पतनमथिट्टा कलेक्टर ने कहा कि हमने सभी इंतजान किए हैं। इस बार को निषेधात्मक आदेश नहीं हैं। लेकिन हम परेशानी पैदा करने वालों से मजबूती से निपटेंगे।

गौरतलब रहे कि मंदिर का पट खुलने से दो दिन पहले यानि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मामले को सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया है। पांच सदस्यीय पीठ ने 3:2 के बहुमत में सबरीमाला मामला बड़ी पीठ को भेजा। न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और डी.वाई. चंद्रचूड़ ने असहमति जताई, वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने के पक्ष में थे।

पिछले फैसले पर रोक नहीं

हालांकि 28 सितंबर 2018 को दिए गए निर्णय पर कोई रोक नहीं लगी है, जिसमें 1० से 5० साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था। इस आदेश के अनुसार, इस मुद्दे पर बड़ी पीठ का आदेश आने तक किसी भी आयुवर्ग की महिला मंदिर में प्रवेश कर सकती है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER