- भारत,
- 16-Sep-2025 05:24 PM IST
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने दीवाली से पहले प्रदेशवासियों को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने 2017 से 2021 तक के गैर-कर ई-चालानों को समाप्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत इन चालानों को अब परिवहन पोर्टल पर “Disposed – Abated” (यदि मामला कोर्ट में लंबित था) या “Closed – Time-Bar” (यदि कार्यालय में लंबित था और समय-सीमा निकल चुकी है) की श्रेणी में दिखाया जाएगा। इस कदम से वाहन मालिकों को फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) जैसे अवरोधों से भी स्वतः मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि, टैक्स से संबंधित चालान इस राहत के दायरे से बाहर रहेंगे।
30 दिनों में पूरी होगी प्रक्रिया
परिवहन विभाग के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी परिवहन पोर्टल पर जाकर अपने चालान की स्थिति जांच सकेंगे। कोर्ट में लंबित मामले “Disposed – Abated” और कार्यालय स्तर पर समय-सीमा पार कर चुके मामले “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दर्ज होंगे। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह केवल क्लोजर प्रक्रिया है, यानी न तो कोई रिफंड दिया जाएगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे।
30 लाख से अधिक ई-चालान प्रभावित
आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच कुल 30.52 लाख ई-चालान जारी किए गए थे। इनमें से 17.59 लाख चालानों का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालान अभी भी लंबित थे। लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख कार्यालय स्तर पर पेंडिंग थे। अब इन सभी चालानों का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा। फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हट जाएंगे, जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रखा जाएगा।
वाहन मालिकों के लिए जरूरी जानकारी
यदि आपका चालान 2017 से 2021 के बीच का है और अभी भी पोर्टल पर लंबित या अवरोध (ब्लॉक) दिखा रहा है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
स्थिति जांचें: एक महीने बाद ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर अपने चालान की स्थिति देखें।
कोर्ट में लंबित मामले: यदि आपका चालान कोर्ट में पेंडिंग था, तो यह “Disposed – Abated” के रूप में दिखेगा और सभी अवरोध हट जाएंगे।
समय-सीमा पार मामले: यदि चालान कोर्ट नहीं भेजा गया था और समय-सीमा निकल चुकी है, तो यह “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दिखेगा और उससे जुड़े ब्लॉक हट जाएंगे।
टैक्स से संबंधित मामले: टैक्स से जुड़े चालान इस राहत के दायरे में नहीं आएंगे और इन्हें केवल टैक्स कानूनों के तहत ही निस्तारित किया जाएगा।
सहायता: किसी भी मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 149 पर संपर्क करें या नजदीकी RTO/ARTO कार्यालय में जाएं।
केवल 31 दिसंबर 2021 तक के चालान माफ
इस निर्णय के तहत केवल वही चालान माफ किए जाएंगे जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। साथ ही, जो चालान कोर्ट नहीं भेजे गए और उनकी समय-सीमा पार हो चुकी है, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा। हालांकि, टैक्स से संबंधित चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या भारतीय दंड संहिता (IPC) से जुड़े मामले इस राहत से बाहर रहेंगे।
पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया
परिवहन विभाग ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। 30 दिनों के भीतर सभी लंबित चालानों का निपटारा पोर्टल पर दिखाई देगा। इसके लिए हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पोर्टल में आवश्यक बदलाव कर रहा है ताकि प्रक्रिया सुरक्षित और सुगम रहे। टैक्स से जुड़ी देनदारियां, पहले से जमा जुर्माना और कोर्ट के आदेश यथावत रहेंगे।
परिवहन आयुक्त का बयान
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, “यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगम, सुरक्षित और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले। यह कदम वाहन मालिकों को अनावश्यक परेशानियों से राहत देगा और परिवहन सेवाओं को और बेहतर बनाएगा।”
