Bihar Election Result 2025 / यूपी के CM योगी ने जिन सीटों पर प्रचार किया, वहां जीत का स्ट्राइक रेट क्या रहा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को शानदार जीत मिली है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 सीटों पर प्रचार किया, जिनमें से 28 पर एनडीए ने जीत हासिल की। उनका स्ट्राइक रेट 90 फीसदी रहा, जो उनकी लोकप्रियता और एनडीए की जीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, और इन। चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शानदार जीत हासिल की है। इस चुनावी रण में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक प्रमुख स्टार प्रचारक के रूप में उभरे, जिनकी रैलियों और जनसभाओं ने एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रचार अभियान का विश्लेषण बताता है कि उन्होंने जिन सीटों पर प्रचार किया, वहां एनडीए का जीत का स्ट्राइक रेट बेहद प्रभावशाली रहा है।

एनडीए की बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में शानदार जीत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 243 सीटों पर हुए मतदान के बाद, एनडीए ने 202 सीटों पर जीत दर्ज कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। यह जीत एनडीए के लिए एक मजबूत जनादेश को दर्शाती है और इसके विपरीत, महागठबंधन केवल 35 सीटों पर सिमट गया, जो उसके लिए एक बड़ी हार थी। पार्टी-वार परिणामों में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 89 सीटें मिलीं, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) ने 85 सीटें जीतीं और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को 25 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपीआरवी) को 19 सीटें और कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं। एआईएमआईएम और एचएएमएस को 5-5 सीटें मिलीं, जबकि अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने मिलकर 9 सीटें जीतीं। यह परिणाम बिहार की जनता के एनडीए के प्रति विश्वास को दर्शाता है।

योगी आदित्यनाथ: एक स्टार प्रचारक की रणनीतिक उपस्थिति

चुनाव प्रचार के दौरान, बीजेपी ने अपने सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बिहार में चुनाव प्रचार के लिए भेजा था और सीएम योगी ने बिहार के कई हिस्सों में एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में जोरदार चुनाव प्रचार किया। उनकी जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ती थी, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण था। बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का लाभ उठाने के लिए उन्हें रणनीतिक रूप से उन सीटों पर भेजा, जहां उनकी उपस्थिति से एनडीए को अधिकतम लाभ मिलने की उम्मीद थी और उनके भाषणों में विकास और सुशासन पर जोर दिया गया, जिसने मतदाताओं को आकर्षित किया।

असाधारण 90 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रचार अभियान का सबसे उल्लेखनीय पहलू उनका प्रभावशाली स्ट्राइक रेट रहा है। उन्होंने बिहार की कुल 31 विधानसभा सीटों पर एनडीए के लिए प्रचार किया था। इन 31 सीटों में से, एनडीए ने 28 सीटों पर जीत हासिल की, जो लगभग 90 प्रतिशत का असाधारण स्ट्राइक रेट है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति और उनके प्रचार ने एनडीए उम्मीदवारों की जीत में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह स्ट्राइक रेट उनकी लोकप्रियता और मतदाताओं को प्रभावित करने की उनकी क्षमता। का एक मजबूत प्रमाण है, जो उत्तर प्रदेश के बाहर भी प्रभावी है।

गठबंधन के लिए व्यापक समर्थन

योगी आदित्यनाथ ने जिन 31 सीटों पर प्रचार किया, उनमें से 27 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। यह दर्शाता है कि बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारक को अपनी पार्टी की सीटों पर केंद्रित किया था ताकि अधिकतम लाभ मिल सके। शेष सीटों पर एनडीए के अन्य घटक दलों के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे, जिनके लिए भी योगी आदित्यनाथ ने प्रचार किया। यह एनडीए की एकजुटता और गठबंधन के सभी सहयोगियों को मजबूत करने की रणनीति को दर्शाता है और योगी आदित्यनाथ का प्रचार केवल बीजेपी तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पूरे गठबंधन के लिए समर्थन जुटाया, जिससे एनडीए की समग्र जीत में मदद मिली।

योगी की राज्यव्यापी लोकप्रियता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दानापुर सीट पर भी प्रचार किया था, जहां बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा था। दानापुर में मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और मतगणना शुरू होने पर, रामकृपाल यादव शुरू में आरजेडी के रीत लाल यादव से पीछे चल रहे थे, जिससे एनडीए खेमे में थोड़ी चिंता थी। हालांकि, जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी, रामकृपाल यादव ने वापसी की और अंततः जीत हासिल की और यह जीत एनडीए के लिए महत्वपूर्ण थी और यह दर्शाती है कि सीएम योगी के प्रचार ने कठिन मुकाबलों में भी उम्मीदवारों को बढ़त दिलाने में मदद की। योगी आदित्यनाथ के प्रचार वाली अधिकांश सीटों पर एनडीए की जीत यह साबित करती है कि उनकी लोकप्रियता केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बिहार में भी उनका व्यापक प्रभाव है। उनकी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ और उनके प्रचार के बाद मिली जीतें यह दर्शाती हैं कि वे एक ऐसे नेता हैं जो क्षेत्रीय सीमाओं से परे मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं। यह क्रॉस-स्टेट अपील समकालीन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण कारक है, जहां एक मजबूत क्षेत्रीय आधार वाले नेता अन्य राज्यों में भी चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। बिहार में उनकी सफल रैलियों ने एनडीए के समग्र प्रदर्शन को मजबूत करने में निस्संदेह भूमिका निभाई।

तीन सीटें जहां योगी के प्रचार के बावजूद मिली हार

हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ का स्ट्राइक रेट प्रभावशाली रहा, लेकिन तीन ऐसी सीटें भी थीं जहां उनके प्रचार के बावजूद एनडीए उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें रघुनाथपुर, गरखा और बिस्फी थीं। रघुनाथपुर में, जेडीयू उम्मीदवार विकास सिंह को राजद उम्मीदवार ओसामा शहाब से हार मिली। गरखा में, राजद के सुरेंद्र राम ने लोजपा (राजग) उम्मीदवार सीमांत मृणाल को हराया। इसी तरह, बिस्फी में बीजेपी प्रत्याशी हरिभूषण ठाकुर राजद प्रत्याशी आसिफ अहमद से हार गए। ये हारें, हालांकि कुल जीत के मुकाबले कम थीं, फिर भी यह दिखाती हैं कि चुनावी मुकाबले में स्थानीय कारक और उम्मीदवार की व्यक्तिगत अपील भी महत्वपूर्ण होती है।

निष्कर्ष: बिहार में एक प्रचारक की जीत

संक्षेप में, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एनडीए के लिए एक बड़ी जीत साबित हुई, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सफलता में एक स्टार प्रचारक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जिन 31 सीटों पर प्रचार किया, उनमें से 28 पर एनडीए। की जीत ने उनकी व्यापक अपील और प्रभावी संचार को रेखांकित किया। हालांकि कुछ सीटों पर वांछित परिणाम नहीं मिले, लेकिन उनके प्रचार वाले क्षेत्रों में मिली भारी जीत ने बीजेपी और एनडीए के लिए एक शक्तिशाली चुनावी संपत्ति के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया और उनका योगदान बिहार की जनता से एनडीए को मिले निर्णायक जनादेश को सुरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण कारक था।