बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, और इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं और इन घोषणाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार ही एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। यह जानकारी भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। है, जिससे गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है।
मुख्यमंत्री पद पर सर्वसम्मति
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद ने नई सरकार के गठन को लेकर अपनी बात रखी है और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। प्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर गठबंधन में कोई विवाद नहीं है, और इस संबंध में पार्टी का नेतृत्व सभी आवश्यक फैसले लेगा। उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि भाजपा और जदयू के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर पूर्ण सहमति बन चुकी है, जो गठबंधन की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है और यह स्पष्टता सरकार गठन की प्रक्रिया को सुगम बनाने में सहायक होगी।
विधायक दल की बैठकें और पर्यवेक्षकों की भूमिका
तारकिशोर प्रसाद ने आगे बताया कि मंगलवार को सबसे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में भाजपा अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी। इसके तुरंत बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी घटक दलों के विधायकों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। इस एनडीए विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को। नेता चुना जाएगा, जिसके बाद वे मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगे। यह प्रक्रिया गठबंधन की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली को दर्शाती है और सुनिश्चित करती है कि सभी सहयोगी दलों की सहमति से नेतृत्व का चुनाव हो।
दिलीप जायसवाल का दावा और केंद्र की भागीदारी
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी इन बयानों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे भाजपा के अटल सभागृह में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक होगी। इस बैठक में भाजपा अपना नेता चुनेगी। जायसवाल ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र से भाजपा के पर्यवेक्षक भी इस बैठक में शामिल होने के लिए आएंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि पार्टी आलाकमान की देखरेख में सभी प्रक्रियाएं पूरी हों और केंद्र तथा राज्य के बीच समन्वय बना रहे और उन्होंने दावा किया है कि नई सरकार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, जिससे इस मुद्दे पर कोई संदेह नहीं रह गया है।
सरकार गठन की समय-सीमा
दिलीप जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार गठन का काम 21 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा और यह समय-सीमा गठबंधन की तत्परता और नई सरकार को जल्द से जल्द कार्यभार संभालने की इच्छा को दर्शाती है। इस निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी औपचारिकताओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि राज्य में प्रशासनिक स्थिरता बनी रहे और विकास कार्यों को गति मिल सके। यह घोषणा राज्य के लोगों को भी आश्वस्त करती है कि राजनीतिक अनिश्चितता का दौर जल्द ही समाप्त होगा।
भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को हो सकता है और इस समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान को इस समारोह के लिए चुना गया है, और इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है ताकि सुरक्षा और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके और गांधी मैदान में होने वाला यह भव्य आयोजन राज्य की राजनीतिक स्थिरता और नए कार्यकाल के शुभारंभ का प्रतीक होगा।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं। तारकिशोर प्रसाद ने पहले ही कहा था कि शपथ ग्रहण समारोह भव्य होगा, और प्रधानमंत्री तथा अन्य मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति इस भव्यता को और बढ़ाएगी। यह उच्च-स्तरीय उपस्थिति न केवल बिहार में नई सरकार के लिए समर्थन का प्रदर्शन करेगी, बल्कि यह केंद्र और राज्य के बीच मजबूत संबंधों को भी रेखांकित करेगी। यह समारोह बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना होगी, जो राज्य के भविष्य की दिशा तय करेगी।