दिसंबर के तीसरे हफ्ते में कीमती धातुओं की कीमतों में एक बार फिर। तेजी देखने को मिली है, जिसने निवेशकों और खरीदारों दोनों का ध्यान खींचा है। जहां सोने की चाल इस बार थोड़ी धीमी रही, वहीं चांदी ने निवेशकों को चौंकाते हुए महज एक हफ्ते में 16,000 रुपये प्रति किलोग्राम की जोरदार छलांग लगा दी है। घरेलू बाजार से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक, दोनों धातुओं पर ग्लोबल संकेतों का साफ असर नजर आ रहा है, जो इनकी कीमतों को प्रभावित कर रहा है।
चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल
सोने के मुकाबले चांदी ने इस हफ्ते कहीं ज्यादा दम दिखाया है। बीते एक हफ्ते में चांदी की कीमत में सीधे 16,000 रुपये प्रति किलोग्राम की बंपर बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो एक रिकॉर्ड उछाल है। 21 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में चांदी का भाव 2,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चांदी मजबूती के साथ 65. 85 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही है, जो वैश्विक मांग और आपूर्ति के संतुलन को दर्शाता है। यह उल्लेखनीय है कि इस साल अब तक चांदी की कीमतों में करीब 126 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हो चुकी है, जिसने इसे निवेशकों की पसंदीदा धातु बना दिया है और भविष्य में भी इसकी चमक बरकरार रहने की उम्मीद है।
सोने की चाल: हल्की लेकिन लगातार तेजी
देश में सोने की कीमतें भी वीकली बेसिस पर मजबूत बनी हुई हैं, हालांकि चांदी जितनी तेज उछाल इसमें नहीं दिखी है और बीते एक हफ्ते में 24 कैरेट सोने की कीमत में 260 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 22 कैरेट सोना 250 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हुआ है। 21 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव 1,34,330 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, वहीं 22 कैरेट सोना 1,23,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। यह दर्शाता है कि सोने में भी निवेश लगातार सुरक्षित और आकर्षक बना हुआ है।
कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण
दिल्ली के अलावा, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी सोने की कीमतों में समान रूप से मजबूती देखने को मिली है। इन शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,34,180 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने का भाव 1,23,000 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है और पुणे और बेंगलुरु जैसे अन्य प्रमुख शहरों में भी यही दरें देखने को मिल रही हैं, जो पूरे देश में सोने की कीमतों में एकरूपता और स्थिरता को दर्शाती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव 4,322. 51 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ है, जो वैश्विक स्तर पर सोने की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
कीमती धातुओं में इस तेजी के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण जिम्मेदार माने जा रहे हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संकेत इनमें सबसे अहम हैं। फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने ब्याज दरों में आगे और कटौती का समर्थन किया है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नीति निर्माता सतर्कता के साथ कदम बढ़ाएंगे और अमेरिकी श्रम बाजार के नरम होते आंकड़ों ने भी दरों में कटौती की उम्मीद को मजबूत किया है, जिसका सीधा फायदा सोने और चांदी को मिला है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोने और चांदी जैसे गैर-उपज वाले संपत्ति अधिक आकर्षक हो जाते हैं, जिससे उनकी मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर जाती हैं। इसके अतिरिक्त, घरेलू मांग और त्योहारी सीजन की खरीदारी भी इन धातुओं की कीमतों को प्रभावित करती है।
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
अगर आप सोने-चांदी में निवेश करते हैं या आने वाले दिनों में खरीदारी की प्लानिंग बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। कीमती धातुओं की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न का संकेत दे रही है। हालांकि, बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्कता बरतना और विशेषज्ञों की सलाह लेना हमेशा उचित रहता है। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर नजर रखना भविष्य की कीमतों का अनुमान लगाने में सहायक होगा।