Chandrakant Pandit / रणजी ट्रॉफी के नए 'किंगमेकर' बने चंद्रकांत पंडित, 6 साल में तीन टीमों को बनाया चैंपियन

Zoom News : Jun 26, 2022, 05:24 PM
मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम ने कोच चंद्रकांत पंडित (Chandrakant Pandit) के अंडर में घरेलू क्रिकेट में एक नया इतिहास रच दिया है। मध्य प्रदेश ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 41 बार की चैंपियन मुंबई को 6 विकेट से हराकर अपना पहला खिताब जीता। टीम ने इस जीत के साथ अपने कोच चंद्रकांत पंडित के अधूरे सपने को भी पूरा किया। कोच के रूप में पंडित ने काफी सफलता हासिल की है। घरेलू क्रिकेट के 'द्रोणाचार्य' पंडित की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 6 साल में उनके अंडर में तीन टीमें चैंपियन बनी हैं। इनमें मुंबई और मध्य प्रदेश ने एक-एक बार जबकि विदर्भ ने दो बार खिताब पर कब्जा जमाया है। 


मध्य प्रदेश की जीत के बाद इमोशनल हुए कोच चंद्रकांत पंडित

चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में मध्य प्रदेश 1998-99 में फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी मगर कर्नाटक से मिली 96 रनों की हार ने उनका खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया था। हालांकि उसके बाद से पंडित ने कोच के रूप में काफी सफलता हासिल की है। उनके अंडर में टीमें अब तक छह बार रणजी ट्रॉफी अपने नाम कर चुकी है। इनमें मुंबई ने तीन बार, विदर्भ ने दो बार और अब मध्य प्रदेश ने एक बार यह कारनामा किया है।

मुंबई को 6 विकेट से हराकर MP ने जीता पहला रणजी ट्रॉफी खिताब

कोच के रूप में चंद्रकांत पंडित  की सफलता 2003 में शुरू हुई थी, जोकि अब तक जारी है। पहली बार उनके अंडर में मुंबई ने 2003 में रणजी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। मुंबई ने इसके बाद 2004 और 2016 में भी पंडित की कोचिंग में ही खिताब जीता था। मुंबई के बाद पंडित ने अपने अंडर में विदर्भ को दो बार 2018 और 2019 में खिताब दिलाया था। विदर्भ के बाद मध्य प्रदेश उनके कोच रहते खिताब जीतने में सफल रही है। मध्य प्रदेश की ये जीत इसलिए भी ज्यादा खास है क्योंकि टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता है। 


Chandrakant Pandit बतौर कोच छठी बार रणजी ट्रॉफी के चैंपियन बने

2003 में मुंबई

2004 में मुंबई

2016 में मुंबई

2018 में विदर्भ

2019 में विदर्भ

2022 में मध्य प्रदेश। 

खिताबी जीत के बाद चंद्रकांत पंडित ने क्या कहा?

बतौर कोच छठी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने के बाद चंद्रकांत पंडित ने कहा, '23 साल पहले जो मैंने छोड़ा था उसकी शानदार यादें हैं। मेरे लिए यह एक आशीर्वाद की तरह है कि मैं यहां आया। ट्रॉफी जीतना शानदार और भावनात्मक क्षण है। मैं कप्तान के रूप में इससे चूक गया था। मेरे पास और भी विकल्प थे, लेकिन मैंने मध्य प्रदेश को चुना। कभी-कभी प्रतिभा होती है लेकिन आपको संस्कृति को विकसित करने की जरूरत होती है। यह खेल की मांग भी होती है और मैं उसे विकसित करना चाहता हूं।'

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER