Zoom News : Nov 07, 2022, 03:15 PM
Madhya Pradesh | नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क आए चीते अक्सर खबरों में बने रहते हैं। मालूम हो कि पिछले दिनों दो चीतों को छोटे बाड़े से निकाल कर बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। बड़े बाड़े में जाने के बाद इन चीतों ने भारत में अपना पहला शिकार किया है। चीतों ने छोटे बाड़े से छूटने के 24 घंटे के भीतर अपना पहला शिकार किया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन चीतों ने रविवार की रात या सोमवार की सुबह में एक चीतल का शिकार किया है। चीतल को स्थानीय लोग चित्तीदार हिरण भी कहते हैं।वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नामीबिया से आने के बाद इन चीतों ने भारत में अपना पहला शिकार किया है। जिन दो चीतों को बड़े बाडे में छोड़ा गया है उनका नाम फ़्रेडी और एल्टन है। इन्हें 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था।चीतों को लेकर विशेषज्ञों की कई चिंताएं हैं। जैसे केवल 12 किलोमीटर के क्षेत्र में बाड़ लगाई गई है और चीते नेशनल पार्क से बाहर निकल सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों के लिए चीतल हिरण का शिकार करना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि ये अफ्रीका में नहीं पाए जाते हैं। शुरुआत में सभी जानकारों को लग रहा था कि चीतों को शिकार करने में समस्या आएगी लेकिन वन विभाग ने बताया कि चीतों ने चीतल का शिकार किया है।गौरतलब है कि भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1948 में आखिरी चीता दिखा था। भारत ने 1970 के दशक से ही इस प्रजाति को फिर से देश में लाने के प्रयास शुरू कर दिए थे और इसी दिशा में उसने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। नामीबिया ने भारत को आठ चीते दान में दिए हैं।