Yashasvi Jaiswal / यशस्वी जायसवाल को टीम इंडिया में अनदेखी: दिलीप वेंगसरकर का बड़ा बयान

दिग्गज क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने यशस्वी जायसवाल को सफेद गेंद के फॉर्मेट से बाहर रखने पर टीम इंडिया की आलोचना की है. उनका मानना है कि लगातार बाहर रखने से जायसवाल का आत्मविश्वास टूट रहा है, जबकि उन्होंने तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया है. वेंगसरकर ने जायसवाल को मैच विनर बताया.

भारतीय क्रिकेट टीम में युवा प्रतिभाओं को अवसर देने और उनके प्रदर्शन को पहचानने का मुद्दा अक्सर चर्चा का विषय रहा है. हाल ही में, टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर चुके जायसवाल को वनडे और टी20 फॉर्मेट में लगातार नजरअंदाज. किया जा रहा है, जबकि उन्होंने इन दोनों फॉर्मेट में भी अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है. इस स्थिति पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है, जिन्होंने विराट कोहली जैसे खिलाड़ी को टीम में मौका दिया था. वेंगसरकर का मानना है कि जायसवाल को टीम से बाहर रखकर उनका आत्मविश्वास अंदर ही अंदर तोड़ा जा रहा है, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद हानिकारक है.

दिलीप वेंगसरकर की कड़ी प्रतिक्रिया

दिलीप वेंगसरकर ने यशस्वी जायसवाल को टीम से बाहर रखने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी भी मैच विनर खिलाड़ी को टीम से बाहर नहीं करना चाहिए. वेंगसरकर ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि यशस्वी को बिना किसी गलती के बार-बार टीम से बाहर रखा जा रहा है. उनके अनुसार, जायसवाल खेल के सभी फॉर्मेट में शानदार फॉर्म में हैं और यह समझना मुश्किल है कि टीम में अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें और क्या करना होगा. वेंगसरकर ने इस बात पर जोर दिया कि जब किसी खिलाड़ी को यह महसूस कराया जाता है कि उसकी किसी एक फॉर्मेट में जरूरत नहीं है, तो उसका आत्मविश्वास कम होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि यह खेल पूरी तरह से आत्मविश्वास का है, और आत्मविश्वास तभी आता है जब खिलाड़ी रनों के दम पर शानदार प्रदर्शन करता है और उसे लगातार मौके मिलते हैं. इस तरह की उपेक्षा से एक युवा खिलाड़ी के मानसिक स्वास्थ्य और खेल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

वनडे फॉर्मेट से लगातार बाहर

यशस्वी जायसवाल को वनडे टीम में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, भले ही उन्होंने मिले-जुले मौकों पर अपनी क्षमता साबित की हो. हाल ही में, शुभमन गिल की अनुपस्थिति में उन्हें वनडे में ओपनिंग करने का अवसर मिला था. इस मौके को भुनाते हुए, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में एक शानदार शतक जड़ा, जिससे उनकी सफेद गेंद की क्षमता पर कोई संदेह नहीं रह गया. हालांकि, उनकी यह उपलब्धि भी उन्हें टीम में स्थायी जगह दिलाने में नाकाम रही. अब न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में उन्हें टीम से बाहर रखा जाएगा, क्योंकि शुभमन गिल की वापसी हो रही है. गिल रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे, जिससे जायसवाल. के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना और भी मुश्किल हो जाएगा. यह स्थिति एक ऐसे खिलाड़ी के लिए निराशाजनक है जिसने अपनी योग्यता साबित. की है और टीम को एक मजबूत शुरुआत देने की क्षमता रखता है.

टी20 फॉर्मेट में भी अनदेखी

यशस्वी जायसवाल को टी20 फॉर्मेट में भी लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जो और भी हैरान करने वाला है, क्योंकि इस फॉर्मेट में उनका रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली है और उन्हें आगामी टी20 वर्ल्ड कप और न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भी टीम इंडिया में जगह नहीं मिली है. टी20 इंटरनेशनल में जायसवाल ने एक शतक लगाया है, उनका औसत 36 से अधिक का है, और उनका स्ट्राइक रेट 160 के पार है और ये आंकड़े किसी भी टी20 बल्लेबाज के लिए असाधारण माने जाते हैं और उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी क्षमता को दर्शाते हैं. इसके बावजूद, उन्हें इस फॉर्मेट में भी टीम से बाहर रखा गया है. हाल ही में, शुभमन गिल की जगह ईशान किशन को न्यूजीलैंड टी20 सीरीज और टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुना गया था, क्योंकि टीम इंडिया को एक विकेटकीपर और ओपनिंग बल्लेबाज की जरूरत थी. हालांकि, दिलीप वेंगसरकर सहित कई विशेषज्ञों का मानना है कि ओपनिंग में यशस्वी जायसवाल से बेहतर बल्लेबाज मौजूदा दौर में कोई नहीं है, और उनके आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं. यह चयन नीति युवा प्रतिभाओं के लिए एक गलत संदेश भेज सकती है कि केवल प्रदर्शन ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अन्य कारकों को भी वरीयता दी जाती है.

वेंगसरकर की चयन प्राथमिकता

दिलीप वेंगसरकर ने चयन समिति के उस फैसले का समर्थन किया जिसमें खिलाड़ियों को उनकी मौजूदा फॉर्म और फिटनेस के आधार पर आंका जाता है. उन्होंने कहा कि यह एक सही दृष्टिकोण है. हालांकि, उन्होंने अपनी व्यक्तिगत पसंद स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर उन्हें शुभमन गिल की जगह किसी खिलाड़ी को चुनना होता, तो उनकी पहली पसंद यशस्वी जायसवाल होते. वेंगसरकर ने इस बात पर जोर दिया कि जायसवाल ने बार-बार यह साबित किया है कि वे कितने शानदार खिलाड़ी हैं और उन्होंने हमेशा टीम को वैसी ही शुरुआत दी है जैसी आजकल के तेज-तर्रार क्रिकेट में आवश्यक है. उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और तेजी से रन बनाने की क्षमता टीम को पावरप्ले में एक मजबूत मंच प्रदान करती है, जो आधुनिक सफेद गेंद क्रिकेट में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है. वेंगसरकर का यह बयान टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं पर जायसवाल को लेकर अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने का दबाव डालता है, खासकर जब टीम. को एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत है जो तीनों फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके और मैच का रुख बदलने की क्षमता रखता हो. यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में जायसवाल को सफेद गेंद क्रिकेट में कितने अवसर मिलते हैं और क्या चयनकर्ता उनकी प्रतिभा को पूरी तरह से पहचान पाते हैं या नहीं.