महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, खासकर BMC समेत अन्य महानगरपालिकाओं के आगामी चुनावों से पहले और बुधवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने एक साथ मंच पर आकर गठबंधन का ऐलान किया। उद्धव ठाकरे ने इस अवसर पर कहा कि वे और राज ठाकरे हमेशा साथ रहने के लिए एक हुए हैं। इस घोषणा के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है, और अब इस नए राजनीतिक समीकरण पर। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पहला बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने इस गठबंधन के महत्व को कम करके आंका है।
गठबंधन पर सीएम फडणवीस की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस बात का आनंद है कि वे एक साथ आए हैं। हालांकि, उन्होंने तुरंत यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनके साथ आने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। फडणवीस ने इस गठबंधन को लेकर मीडिया में चल रही चर्चाओं पर तंज कसते हुए कहा, "कुछ चैनल तो ऐसे दिखा रहे थे कि जैसे रशिया और यूक्रेन एक साथ आ रहे है। इनके साथ आने से बहुत कुछ होने वाला नहीं है। " उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस गठबंधन से महाराष्ट्र की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा, जैसा कि कुछ लोग अनुमान लगा रहे हैं।
'उनका मतलब मुंबई नहीं, मराठी नहीं'
देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे ब्रदर्स के गठबंधन के पीछे के उद्देश्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "कोई साथ नहीं आएगा। पहले भी कहा है, फिर कहता हूं उनका मतलब मुंबई नहीं है, उनका मतलब मराठी नहीं है। " इस बयान के माध्यम से फडणवीस ने यह संकेत दिया कि यह गठबंधन मुंबई या मराठी मानुष के हितों के लिए नहीं, बल्कि कुछ अन्य व्यक्तिगत या राजनीतिक स्वार्थों के लिए किया गया है। उन्होंने अपने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे को विकास के मुद्दे पर बोलने के लिए हजार रुपये देने की बात कही थी, और इस बार भी वे बच गए। फडणवीस ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को पता है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं।
अपनी हिंदुत्ववादी पहचान पर जोर
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी हिंदुत्ववादी पहचान पर भी खुलकर बात की। उन्होंने दृढ़ता से कहा, "देवेंद्र फडणवीस हिंदू पैदा हुआ और हिंदू ही मरेगा। मुंबई और महाराष्ट्र हिंदुत्ववादी है। " उन्होंने उन लोगों पर निशाना साधा जो हिंदुत्व का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, और कहा कि विधानसभा में सभी ने देखा है कि उनका क्या हश्र हुआ। फडणवीस ने अपने हिंदुत्व की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका हिंदुत्व संकुचित नहीं है और केवल पूजा पाठ पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका हिंदुत्व भारतीय संस्कृति पर आधारित है, और श्री राम उनके लिए केवल भगवान नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि उन्होंने कभी हिंदू को नहीं छोड़ा और न ही छोड़ेंगे।
अस्तित्व बचाने के लिए साथ आए दल
फडणवीस ने इस गठबंधन को उन पार्टियों का मिलन बताया जिन्होंने अपना अस्तित्व खो दिया है। उन्होंने कहा, "जिन पार्टियों ने अपना अस्तित्व खो दिया, बार-बार अपनी भूमिका बदलकर भरोसा खो दिया, जिन्होंने तुष्टिकरण की भूमिका को अपनाकर अपना वोट बैंक खो दिया वह दो पार्टियां साथ आई हैं। " उनके अनुसार, ये दोनों दल केवल अपना अस्तित्व बचाने के लिए एक साथ आए हैं, और ऐसा करने से चुनाव नहीं जीते जाते। उन्होंने उद्धव ठाकरे को निराशावादी और फ्रस्ट्रेटेड प्रकार का व्यक्ति बताया, और कहा कि उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए और फडणवीस ने यह भी टिप्पणी की कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के पास कोई विचार नहीं बचा है, और उन्होंने विचारों की राजनीति को दफनाकर अवसरवाद की राजनीति अपना ली है।