देश / 24 मार्च के बाद गई कोरोना की वजह से नौकरी, अब सरकार देगी आधी सैलरी!

AajTak : Sep 13, 2020, 04:14 PM
Delhi: कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। इस महामारी ने आर्थिक तौर पर हर तबके को झटका दिया है। सबसे ज्यादा संकट रोजगार के मोर्चे पर गहराया है। खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों में बेरोजगारी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।  एक अनुमान के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से अभी तक करीब 1.9 करोड़ लोग नौकरियां गंवा चुके हैं। सिर्फ जुलाई महीने में ही 50 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं। यह आंकड़ा चिंता का विषय है, क्योंकि कोरोना संकट से पहले भी रोजगार के आंकड़े परेशान कर रहे थे। 

अब मोदी सरकार बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। सरकार ऐसे कामगारों की नौकरी छूट जाने पर आधी तनख्वाह देने का ऐलान किया है। सरकार की मानें तो 42 लाख कामगारों को इसका फायदा होगा। अब महामारी के दौर में नौकरी गंवाने वालों को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।

दरअसल लोगों की आजीविका पर संकट को टालने के लिए श्रम मंत्रालय ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत राहत बढ़ाने के फैसले को अधिसूचित कर दिया है। जिससे कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में रजिस्टर्ड कामगारों को 50% अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट मिलेगा।

यानी कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को तीन महीने तक 50 फीसदी सैलरी बेरोजगारी लाभ (अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट) के रूप में दिया जाएगा। यह फायदा उन कामगारों को मिलेगा, जिनकी नौकरी इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर के बीच चली गई हो। 

कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम (ESIC) के वर्कर्स को यह सुविधा दी जाएगी। वे तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50% क्लेम कर सकते हैं। पहले यह सीमा 25 फीसदी थी, जिसे कोरोना संकट की वजह से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी गई है। 

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानि ESIC के द्वारा संचालित योजना है। इस योजना को 1 जुलाई, 2020 से एक साल के लिए बढ़ाया गया है। यह 30 जून, 2021 तक प्रभावी रहेगी। हालांकि 1 जनवरी, 2021 के मूल प्रावधान बहाल हो जाएंगे।

इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए कामगार किसी भी ESIC शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं, आवदेन की जांच के बाद बैंक क्लेम सही मिलने पर उन्हें आधाी सैलरी दी जाएगी। रकम कामगार के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके लिए आधार नंबर की मदद ली जाएगी।

कामगारों को इस राहत के बदले ईएसआईसी पर 6710।68 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। ESIC श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन है जो 21,000 रुपये तक सैलरी पाने वाले लोगों को ESI स्कीम के तहत बीमा मुहैया करता है।

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