देश / प्रभावकारी होने का प्रमाण: कोवैक्सीन के वास्तविक अध्ययन पर भारत बायोटेक

Zoom News : Nov 25, 2021, 01:37 PM
नई दिल्ली: भारत बायोटेक ने ‘लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज’ में प्रकाशित कोवैक्सीन की स्टडी को लेकर AIIMS के रिसर्चर्स की तारीफ की है. कंपनी ने कहा कि ये परिणाम कोरोना वायरस के खिलाफ वास्तविक रूप से कोवैक्सीन की प्रभावी होने का प्रमाण देती है. इस स्टडी में पाया गया है कि लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ कोवैक्सीन की दो डोज 50 प्रतिशत प्रभावी थी. 15 अप्रैल से 15 मई के बीच AIIMS में हुई इस स्टडी में 2,714 अस्पताल कर्मियों को शामिल किया गया, जिन्हें कोविड के लक्षण थे.

भारत बायोटेक ने कहा है कि देश में कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट की पीक के दौरान अस्पताल के माहौल में, डॉक्टरों और हेल्थकेयर वर्कर्स की अत्यधिक जोखिम वाले स्टडी में टीके की 50 फीसदी प्रभावी क्षमता कोवैक्सीन की सुरक्षा को दिखाती है. कंपनी ने कहा, “ये परिणाम सामान्य आबादी के बीच कोवैक्सीन के फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल के दौरान प्राप्त डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ पाई गई 65.2 फीसदी प्रभावी क्षमता के साथ सही तुलना करते हैं. ये स्टडी यह भी बताती है कि कोवैक्सीन खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ WHO की प्रभावकारिता मानदंडों को भी पूरा करती है.”

लैंसेट का अध्ययन भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया, जिन्हें प्राथमिक रूप से कोवैक्सीन टीका लगाने की पेशकश की गई थी. रिसर्चर्स ने लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ टीके के प्रभाव का आंकलन किया था. स्टडी में शामिल 2,714 कर्मचारियों में से 1,617 लोगों को कोविड संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी और 1,097 को संक्रमण नहीं होने का पता चला था.

तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम के मुकाबले कम प्रभावी- रिसर्चर्स

अध्ययन में सामने आया कि कोवैक्सीन टीके की दो खुराक के बाद लक्षण वाले कोविड-19 रोग से 50 प्रतिशत बचाव हुआ, जिसमें आरटी-पीसीआर जांच दूसरी खुराक के 14 या अधिक दिन बाद कराई गई थी. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, सात सप्ताह की फॉलोअप अवधि में दोनों खुराक का प्रभाव बना रहा.

एम्स में मेडिसिन की सहायक प्रोफेसर पारूल कोदान ने कहा, ‘‘अध्ययन के निष्कर्ष पहले के अन्य अध्ययन की पुष्टि करते हैं जिनमें कहा गया था कि सर्वाधिक बचाव पाने के लिए कोवैक्सीन की दो खुराक आवश्यक हैं.’’ अध्ययनकर्ताओं ने यह स्वीकार किया कि इस अध्ययन में कोवैक्सीन को जितना प्रभावी पाया गया है वह तीसरे चरण के ट्रायल के हाल में प्रकाशित अनुमान के मुकाबले कम है.

डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन 65.2 प्रतिशत कारगर

हाल में लैंसेट में प्रकाशित अंतरिम अध्ययन के परिणाम में सामने आया था कि कोवैक्सीन या बीबीवी152 टीके की दो खुराक लक्षण वाले रोग के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी है और इसकी सुरक्षा को लेकर कोई गंभीर चिंता नहीं है. कोवैक्सीन को बीबीवी152 भी कहा जाता है. हैदराबाद की भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे के साथ मिलकर कोवैक्सीन का निर्माण किया है.

आंकड़ों के अनुसार, कोवैक्सीन टीका बिना किसी लक्षण वाले मरीजों को 63.6 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करता है. देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 प्रतिशत और कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है.

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