देश / MP में दिखे पीले मेंढकों का क्या कोविड-19 और टिड्डियों से कोई लेना-देना है?

News18 : Jul 14, 2020, 04:27 PM
ई दिल्ली। जब देश में मानसून (Monsoon) आता है, उस दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरह मेंढक (Frogs) देखना आम बात है। लेकिन क्या आपने कभी चमकीले पीले रंग के मेंढक (Bright Yellow Frogs) देखे हैं? अगर नहीं तो आपको ट्विटर (Twitter) पर दिख जायेंगे, जहां कुछ यूजर्स (Users) ने इनके उछल-कूद मचाने के वीडियो बड़ी संख्या में शेयर और रीट्वीट (Retweet) किए हुए हैं।

भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी प्रवीण कसवान, उन लोगों में से एक हैं। जिन्होंने इन पीले मेंढकों का 30 सेकेंड का उछल-कूद मचाने का वीडियो (Video) ट्विटर पर शेयर किया है। वन अधिकारी (Forest Officer) ने बताया है कि जिस जगह पर इस वीडियो को फिल्माया गया है, वह नरसिंहपुर (Narsinghpur) है और मेंढकों का नाम इंडियन बुलफ्रॉग (Indian Bullfrog) है, जो मादाओं को आकर्षित करने के लिए अपना रंग बदल लेते हैं।

कोविड-19 और टिड्डियों के हमले से इनका कोई संबंध नहीं

कई सारे ट्वीट कर कसवान ने मेंढ़कों को नजदीक से दिखाया। इन वायरल फोटो को कई लोगों ने कोविड-19 के प्रसार और टिड्डियों के हमले से जोड़कर भी अनुमान लगाए हैं।

लेकिन कसवान ने साफ किया है कि अजीब से दिखने वाले ये उभयचर प्राणी किसी भी तरह से कोरोना वायरस के प्रसार, जिसका अनुमान लगाया जा रहा है, से संबंधित नहीं हैं। न ही इसका टिड्डियों के हमले से किसी तरह का कोई संबंध है जो कि उत्तरी भारत के कई राज्यों में फैला हुआ है।

कुछ अन्य वाइल्डलाइफ उत्साहियों ने इस मेंढक के बारे में और जानकारियां देने और जागरुकता लाने की कोशिश की है। एक यूजर ने बताया कि उनके इस रंग के चलते मेंढकों को मार दिया जाता है।

हालांकि कुछ लोग इन मेंढकों को पहली बार अपनी टाइमलाइन पर देख खासे उत्साहित दिखे तो कुछ ने कमेंट कर कहा कि हर मानसून में इन्हें उनके गृहनगर के इलाकों में देखा जाना आम बात है।

एक यूजर ने यह भी पूछा कि क्या ये मेंढक जहरीले होते हैं। जिसका कासवान ने जवाब दिया कि न सिर्फ ये मेंढक किसी तरह की हानि नहीं पहुंचाते बल्कि इन्हें खुद इंसानों के खुद को मार कर खा लेने का खतरा होता है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER