बिज़नेस / फेसबुक का बाज़ार मूल्यांकन हुआ $1 ट्रिलियन के पार

Zoom News : Jun 29, 2021, 04:34 PM
वाशिंगटन: मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की अगुवाई वाली पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) ने शेयर मार्केट में सोमवार को एक नया रिकॉर्ड बनाया. पहली बार कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया. कंपनी के शेयर में 4.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला, जिससे ये 355.64 डॉलर पर पहुंच गया. इसी के साथ फेसबुक ऐसी 5वीं कंपनी बन गई है, जिसने ये रिकॉर्ड कायम किया है. इससे पहले एपल, माइक्रोसॉफ्ट, ऐमजॉन और गूगल ने इस आंकड़ों को पार किया था.

फेसबुक के यूजर बेस और एवरेज रेवेन्यू के आधार पर लगातार यूजर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. 27 जुलाई, 2018 के बाद से कंपनी का स्टॉक 90 फीसदी से अधिक बढ़ चुका है. कंपनी का हार्डवेयर बिजनस भी अच्छा चल रहा है. फेसबुक पोर्टल, वीडियो कॉलिंग डिवाइस, ओकुलस वर्चुअल रिएलिटी हैडसेट्स और स्मार्ट ग्लासेज बना रही है जो इसी साल रिलीज होने वाले हैं. टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव करने और मार्केट में खुद को मजबूती से स्थापित रखने की वजह से निवेशकों का कंपनी पर भरोसा बढ़ा है. जिसके चलते इसके शेयर में वृद्धि हो रही है. फेसबुक की सारी कमाई पर्सनलाइज्ड विज्ञापनों से होती है जो फेसबुक और इंस्टाग्राम के यूजर्स को दिखाए जाते हैं.

2012 में आया था आईपीओ

फेसबुक का आईपीओ मई 2012 में आया था. उस वक्त कंपनी ने 104 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ बाजार में डेब्यू किया था. अब ये 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है. हालांकि 2018 में कंपनी के रेवेन्यू में 19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. उस वक्त फेसबुक पर डेटा लीक्स, फेक न्यूज और खासकर कैंब्रिज एनालिटिका (Cambridge Analytica) घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था. इससे कंपनी की साख को नुकसान हुआ था. मगर इन सबके बावजूद कंपनी वापसी करने में कामयाब रही.

आज है संसदीय समिति के साथ मीटिंग

संसद की सूचना सूचना प्रौद्योगिकी की स्थाई संसदीय समिति ने फेसबुक और गूगल इंडिया के प्रतिनिधियों को 29 जून को मीटिंग के लिए बुलाया है. इस मीटिंग में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सोशल ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म्स के गलत इस्तेमाल को रोकने को लेकर दोनों कंपनियों के विचार सुने जाएंगे. शशि थरूर के अध्यक्षता वाले इस पैनल के सदस्यों के बीच एक ऑफिशियल एजेंडा साझा किया गया था जिसमें नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक दुरुपयोग के रोकथाम के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी राय रखने को कहा था.

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